ध्य प्रदेश के ग्वालियर में बना विवेकानंद नीड़म बताता है कि जीवन और प्रकृति के बीच सामंजस्य कितना सुंदर हो सकता है. प्रियंका दुबे की रिपोर्ट. उम्मीद का रंग शायद हरा होता होगा. सूखती नदियों और लगातार दूषित हो रहे पर्यावरण की चिंताओं वाले दौर में विवेकानंद नीड़म को देखकर पहला ख्याल यही आता है. चंबल के सूखे बीहड़ों में बने इस हरे भरे 'आश्रम' को सहजीवन की उस धारणा...
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ठंड से लाखों की सब्जियां बर्बाद
रांची। पूरा राज्य ठंड की चपेट में है। किसानों को तो ठंड में पसीने छूट रहे हैं। पाले का असर सब्जियों की फसल पर पड़ा है। आलू, पालक, टमाटर, फूलगोभी, बंधागोभी, मटर सब पर ठंड का असर दिख रहा है। सुबह में पूरी फसल पर ओस की बूंदों से ढंक जाती है। ज्यादातर स्थानों पर तो बर्फ की परत जम जाती है। इससे जिले में लाखों रुपए की फसल बर्बाद हुई है।...
More »देसी गीजर, न बिजली की जरूरत, न गैस का झंझट
जगराओं। यदि बिजली नहीं है, गैस सिलेंडर की भी किल्लत है, लेकिन आपको गर्म पानी की आवश्यकता है तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। अब नहाने से लेकर घरेलू कामकाज के लिए देसी गीजर आ गया है। गीजर को चलाने के लिए ना बिजली की जरूरत है और ना ही गैस सिलेंडर की। देसी गीजर मात्र एक -दो रुपये में पूरे तीस लीटर गर्म पानी तैयार कर सकता है, जो दिनभर गर्म...
More »वेदांत- हिन्दुत्व और साम्राज्यवादी मंसूबों का विध्वसंक मिश्रण- रोजर मूडी
विभिन्न देशों के कानून और पर्यावरण नियमों का बड़े पैमाने पर उल्लंघन करने में वेदांत रिसोर्सेज़ की एक अलग पहचान है. कहने को तो यह कम्पनी एक पब्लिक कम्पनी है मगर इसमें वर्चस्व खुले तौर पर केवल एक व्यक्ति, उसके परिवार और इष्ट मित्रों का ही है. इस कम्पनी को इस बात पर भी नाज़ है कि वह हिन्दुत्व और नव-उदार रूढ़िवादिता में समन्वय स्थापित करती है. परेशानी की बात...
More »पंजाब पुकारे, आ रे..आ रे..आ रे..
लुधियाना [अरविंद श्रीवास्तव/श्रीधर राजू]। बठिंडा रेलवे स्टेशन। रात साढ़े दस बजे का समय। अवध-असम एक्सप्रेस ट्रेन आकर रुकती है। स्टेशन पर पहले से तैयार जमींदार ट्रेन की ओर लपकते हैं। सिर पर बक्सा और हाथ में थैला लिए उतरते लोगों को वे घेर लेते हैं। कशमकश चलती है कि कौन कितने लोगों को पटाता है। यह नजारा इन दिनों पंजाब में हर स्टेशन पर शुरू हो गया है। ...
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