SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 52

गांधी की दृष्टि में गांव और किसान-- श्रीभगवान सिंह

महात्मा गांधी के विचारों और सोच के निर्माण में देश-विदेश के अनेक विचारकों, कवियों, लेखकों के साथ-साथ उनके अपने जीवनानुभवों का भी बहुत बड़ा हाथ रहा। इन जीवनानुभवों में अत्यंत महत्त्वपूर्ण रहा भारत में गांवों तथा किसानों के संबंध में उनके अनुभव। यह दीगर बात है कि उनके विचारों तथा कार्यों के मूल्यांकन के संदर्भ में इस पक्ष पर बहुत कम ध्यान दिया जाता है। सर्वविदित है कि दक्षिण अफ्रीका...

More »

आलू में छिपे खजाने को कब पहचानेंगे-- रमेश कुमार दूबे

अपने राजनीतिक बयानों को लेकर जब-तब चर्चा में रहने वाले कांग्रेस पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी के आलू की फैक्टरी लगाने वाले बयान ने खासी सुर्खियां बटोरीं। कोई इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘मेक इन इंडिया' मुहिम पर व्यंग्य बता रहा है तो कोई राहुल गांधी की राजनीतिक अपरिपक्वता करार दे रहा है। यदि राजनीति से परे हट कर देखा जाए तो भारत में आलू की चर्चा नकारात्मक संदर्भों में...

More »

कुपोषण दूर करने के लिए अब महिलाओं को एक टाइम मिलेगा भोजन

भोपाल। कुपोषण से हुई बच्चों की मौत से बैकफुट पर आई सरकार अब इस समस्या से लड़ने के लिए महिलाओं पर फोकस करेगी। इसके लिए गर्भवती और बच्चों को दूध पिलाने वाली धात्री माताओं को एक टाइम का भोजन मुहैया कराया जाएगा। पहले इसे सिर्फ 89 आदिवासी बहुल विकासखंडों में लागू करने की तैयारी थी लेकिन इसे अब प्रदेशभर में लागू किया जाएगा। महिला एवं बाल विकास विभाग योजना के...

More »

देश में कुपोषण की कड़िया--- श्रीशचंद्र मिश्र

ओड़िशा के जाजपुर जिले के एक छोटे-से आदिवासी बहुल गांव में इस साल मार्च से जून के बीच कुपोषण से बारह बच्चों की मौत हो गई। पौने तीन सौ की आबादी वाले इस गांव में पांच से बारह साल के तिरासी बच्चों में एक तिहाई से ज्यादा का कुपोषित होना एक बड़े खतरे की तरफ संकेत करता है। यह तस्वीर का सिर्फ एक पहलू है। असल स्थिति क्या है, इसका...

More »

बहुत दूर दिखती है मंजिल, सतत विकास सूचकांक में भारत 110वें स्थान पर

सतत विकास वैश्विक सामाजिक प्रगति रिपोर्ट में भारत के 98वें स्थान (133 देशों में) पर होने की निराशाजनक खबर के बाद अब चिंताजनक सूचना यह आयी है कि सतत विकास सूचकांक में हमारा देश 110वें (149 देशों में) पायदान पर खड़ा है. वर्ष 2030 तक गरीबी, भूख, अशिक्षा से मुक्ति के साथ बेहतर पर्यावरण का वैश्विक लक्ष्य पाने के हमारे प्रयासों पर यह एक गंभीर टिप्पणी है. इस रिपोर्ट की मुख्य...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close