-न्यूजक्लिक, कश्मीर घाटी में 24 अरब रुपये से अधिक मूल्य के सेब अपना बाजार खोने के कगार पर हैं। सेब व्यापारियों का दावा है कि सस्ते ईरानी सेबों ने आ कर भारतीय बाजारों में धूम मचा दी है, जिससे उच्च गुणवत्ता वाले कश्मीरी सेब की मांग और कीमतों में भारी गिरावट आई है। कश्मीर के प्रमुख सेब व्यापारियों के अनुसार, उत्पादकों और व्यापारियों के पास बिक्री की बाट जोह रहे सेब के...
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देश में आरटीआई कार्यकर्ताओं पर बढ़ रहे हमलों के बीच जवाबदेही क़ानूनों की ज़रूरत है
-द वायर, सूचना का अधिकार (आरटीआई) लंबे समय में देश में भ्रष्ट यथास्थिति को उजागर करने का एक जरिया बना हुआ है. ऐसी ही एक घटना हाल ही में राजस्थान में हुई. किसान और आरटीआई कार्यकर्ता अमराराम गोदारा का बाड़मेर से 21 दिसंबर को सफेद रंग की स्कॉर्पियो में अपहरण कर लिया गया था. उन्हें बेरहमी से पीटा गया और लगभग मरणासन्न अवस्था में उनके घर के पास फेंक दिया गया. उन्हें कई...
More »71 साल के किसान का इनोवेशन, बनाई खरपतवार हटाने वाली डिवाइस, सिर्फ 400 रुपये है कीमत
-द बेटर इंडिया, खेती करना आसान काम नहीं है और जैविक खेती तो बिल्कुल भी नहीं। कभी कम पैदावार, कभी बढ़ती लेबर कॉस्ट, तो कभी खरपतवार। ये समस्याएं कई बार इतनी बड़ी हो जाती हैं कि किसान अपने खेती के पैटर्न को बदलने के लिए मजबूर हो जाता है। सतारा (महाराष्ट्र) के चिंचनर गांव में रहनेवाले किसान अशोक जाधव को भी इस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। अशोक,...
More »जिस तरह अंग्रेजों ने बिरसा मुंडा को जेल में मार डाला, उसी तरह भारत सरकार ने स्टेन को: स्वामी के साथी
-आउटलुक, "लेकिन हम फिर भी समूहों में गाएंगे, पिंजरे में बंद पंछी अभी भी गा सकता है।" ये शब्द किसी और के नहीं बल्कि फादर स्टेन स्वामी के थे, जिन्होंने जेल से अपने एक साथी जेसुइट पादरी को लिखे पत्र में कहा था। दोनों हाथों में लगातार झटके के साथ तेज पार्किंसंस बीमारी से पीड़ित स्टेन ने पत्र लिखने के लिए इस दर्द को उठाया, क्योंकि वो अन्य कैदियों की दुर्दशा को उजागर...
More »मनरेगा का उद्देश्य कभी नहीं रहा कि मजदूरों का जातीय आधार पर वर्गीकरण हो: ज्यां द्रेज
-डाउन टू अर्थ, केंद्र सरकार ने कुछ समय पहले मनरेगा भुगतान की प्रक्रिया में संशोधन किया है, जिसके चलते राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में मनरेगा मजदूरों को मजदूरी मिलने में काफी देरी हुई। यह देरी ऐसे समय में हुई जब कोविड-19 की दूसरी लहर देशभर में कहर ढा रही थी। डाउन टू अर्थ ने पिछले दो हफ्ते के दौरान देश के सबसे अधिक आबादी वाले पांच राज्यों में चल रहे...
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