कृषि जागरण, 17 नवम्बर आमतौर पर जब हम कोई पौधा अपने घर के बगीचे में लगाते हैं तो उसकी लगातार देखभाल करते हैं लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि जो फल और फूल देने वाले पौधे और पेड़ जंगलों में उगते हैं, उनकी देखभाल कौन करता है? यह प्राकृतिक रूप से कैसे विकसित हो जाते हैं और कैसे फलों और फूलों से लद जाते हैं. यह जंगल के पशु पक्षियों...
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मॉरीशस: विदेशी धरती पर बसा एक उन्नत भारत
जनचौक,15 सितम्बर 1598 के पूर्व मॉरीशस की धरती सुनसान थी। लगभग 90 किलोमीटर लम्बे और 40 किलोमीटर चौड़े द्वीप पर इन्सान नहीं रहते थे। सबसे पहले डच लोगों ने इस धरती को छुआ था। ऐसा अकस्मात हुआ था। वे जावा में बस गए थे और वहीं से मसालों का व्यापार करते थे। इसी प्रक्रिया में वे 1598 में मॉरीशस की धरती तक पहुंचे मगर वहां बसे नहीं। कुछ दशकों बाद, 1638...
More »जैविक खेती की वजह से श्रीलंका में आयी है आर्थिक अस्थिरता; अफवाह है या फिर हकीकत समझना होगा
गांव कनेक्शन, 25 अगस्त वही जैविक व प्राकृतिक खेती के समर्थको में चिंता का विषय पनप गया। साथ ही उक्त दोनों श्रेणियों के बीच उन लोगों में भय का वातावरण बन रहा है। जो भविष्य में अपना करियर जैविक खेती में बनाने वाले है। अर्न्तराष्ट्रीय मुद्दे पर वर्तमान में की जा रही टिप्पणियों के पीछे की रणनीति की जानकारी तो नहीं है, लेकिन इस वैज्ञानिक युग में प्रर्याप्त सुचनाएं (सारगर्भित) होते...
More »खबरदार
खास बात • गंगोत्री ग्लेशियर सालाना ३० मीटर की गति से सिकुड़ रहा है।* • अगर समुद्रतल की ऊंचाई एक मीटर बढ़ती है तो भारत में ७० लाख लोग विस्थापित होंगे।* • पिछले बीस सालों में ग्रीनहाऊस गैसों के उत्सर्जन में सर्वाधिक बढ़ोत्तरी जिवाश्म ईंधन के दहन से हुई है।* • मानवीय क्रियाकलापों के कारण ग्लोबल ग्रीन हाऊस गैस के उत्सर्जन में लगातार बढोत्तरी हो रही है। अगर औद्योगीकरण के पहले के समय से तुलना करें तो मानवीय क्रियाकलापों...
More »ओबीसी वोट की होड़ में कैसे दब गया जातिगत जनगणना का मुद्दा
-जनपथ, देश के पांच राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनाव और 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए जातिगत राजनीति करने वाली पार्टियां अपने-अपने वोट बैंक साधने के लिए प्रयासरत हैं। देश का ओ.बी.सी. समुदाय कुल आबादी का 50 प्रतिशत से अधिक है। जाति आधारित राजनैतिक पार्टियां इस समुदाय को अपने-अपने पक्ष में करने के लिए जी तोड़ प्रयास कर रही हैं, इसीलिए जाति जनगणना करने की...
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