नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। लोन घोटाले और भ्रष्टाचार के अन्य मामलों में कारपोरेट जगत पर कस रहे जांच एजेंसियों के शिकंजे के खिलाफ राकांपा सुप्रीमो शरद पवार खुलकर सामने आ गए हैं। उन्होंने रतन टाटा की 'बनाना रिपब्लिक' वाली टिप्पणी को सरकार से गंभीरता से लेने का आग्रह किया है। साथ ही चेतावनी दी है कि जांच एजेंसियों के जरूरत से ज्यादा हस्तक्षेप से न सिर्फ औद्योगिक विकास बाधित होगा, बल्कि...
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न्याय:कितना दूर-कितना पास
खास बात • साल २००९ के अप्रैल महीने तक सर्वोच्च न्यायालय में लंबित मुकदमों की संख्या ५०१४८ थी। केसों के निपटारे की गति बढ़ी है मगर शिकायतों के आने की गति और जजों की संख्या केसों के आने की गति की तुलना में अपर्याप्त साबित हो रही है।* • दो साल पहले यानी साल २००७ के जनवरी महीने में सुप्रीम कोर्ट में लंबित केसों की संख्या ३९७८० थी। सुप्रीम कोर्ट लंबित केसों के निपटारे में तेजी लाने असहाय महसूस...
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खास बात • साल १९९३-९४ में ग्रामीण इलाकों में पुरुष साक्षरता की दर(राष्ट्रीय स्तर) ६३ फीसदी थी जो साल १९९९-२००० में बढ़कर ६८ फीसदी हो गई।* • साल १९९३-९४ में ग्रामीण इलाकों में महिला साक्षरता की दर(राष्ट्रीय स्तर) ३६ फीसदी थी जो साल १९९९-२००० में बढ़कर ४३ फीसदी हो गई।* • भारत के ग्रामीण अंचल में अनुसूचित जनजाति के तबके के लोगों में साक्षरता दर सबसे कम(४२ फीसदी) पायी गई है। इसके तुरंत बाद अनुसूचित...
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