-न्यूजलॉन्ड्री, कोरोना महामारी के लगातार बढ़ते प्रभाव के कारण एक ओर देश की सामाजिक आर्थिक एवं शैक्षिक स्थिति बद से बदतर बनती जा रही है तो दूसरी तरफ केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भरता की घोषणा के द्वारा जनता के प्रति कई जवाबदेहियों से अपने को मुक्त कर लिया है जिसके चलते सभी क्षेत्रों में घोर निराशा का वातावरण छाया हुआ है. आर्थिक मोर्चे पर गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले तथा...
More »SEARCH RESULT
झारखंड बजट : पहले चरण में किसानों के 50,000 रुपये तक के कर्ज होंगे माफ
-आउटलुक एग्रीकल्चर झारखंड के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने सरकार कि बजट में किसानों की कर्ज माफी का ऐलान किया है। वर्ष 2020-21 के लिए कुल 86,370 करोड़ रुपये के इस बजट में पहले चरण में किसानों के 50,000 रुपये तक के कर्ज माफ करने के साथ ही बेरोजगार स्नातक तथा परास्नातक युवकों एवं युवतियों को दो साल तक क्रमशः पांच हजार और सात हजार रुपये वार्षिक सहायता देने की भी...
More »बीमार इकोनॉमी को नहीं मिली दवा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गिरती इकोनॉमी रफ्तार, बढ़ती बेरोजगारी के साए में 2020-21 का बजट पेश किया और दावा यह है कि यह बजट न केवल इकोनॉमी को बूस्ट देगा बल्कि “यह आकांक्षी भारत, मजबूत अर्थव्यवस्था और हितैषी समाज” के लक्ष्यों पर खरा उतरेगा। वित्त मंत्री के दावे और हकीकत में कितना फासला है, आउटलुक ने देश के जाने-माने अर्थशास्त्रियों से एक पैनल चर्चा के जरिए बजट पर उनकी...
More »धान, गेहूं का स्टॉक जरूरत से बहुत ज्यादा, फुल हो चुके हैं गोदाम, किसानों के सामने नया संकट
बजट 2020-21 पेश करते हुए देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किसानों के लिए 16 सूत्रीय फॉर्मूले की घोषणा की थी। 16 सूत्रीय फॉर्मूले में वेयर हाउस और कोल्ड स्टोरेज का भी जिक्र था। वित्त मंत्री ने कहा कि नाबार्ड (राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक) नये वेयर हाउस बनायेगा और इसकी संख्या बढ़ाने के लिए पीपीपी मॉडल को अपनाया जायेगा। ब्लॉक स्तर पर भंडार गृह बनाये जाने का...
More »बजट 2020 में ग्रामीण भारत को क्या मिला ?
एक फरवरी को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के दूसरे बजट को संसद में पेश किया गया। सरकार 2022 तक किसानों की आय को दोगुनी करने के लक्ष्य को लेकर चल रही है। गांव, कृषि और किसानों के लिए वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में 16 सूत्रीय योजनाओं की घोषणा भी की। परन्तु बजट का अर्थ केवल बड़ी-बड़ी घोषणाएं करना नहीं होता बल्की घोषणाओं के पीछे किये धनराशि आवंटन...
More »