आज जलवायु परिवर्तन पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है. मौसम का चक्र बदल रहा है. कभी बिन मौसम भारी बरसात, तो कभी बारिश के मौसम में सूखा. कभी असमय भारी बर्फबारी, तो कभी धुंध. धरती गर्म हो रही है. ग्लेशियर पिघल रहे हैं. जलस्तर बढ़ने के कारण समुद्र से घिरे द्वीपीय इलाकों के डूबने का खतरा पैदा हो रहा है. इनके सबकी वजह है बढ़ता प्रदूषण और पर्यावरण का...
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नदियों के सूबे में पेयजल का संकट- महिपाल कुंवर(तहलका)
उत्तर भारत की अधिकांश बारहमासी नदियों का उद्गम स्थल होने के बावजूद उत्तराखंड में गर्मी का मौसम शुरू होते ही पेयजल संकट पैदा हो गया है. इससे ग्रामीण के साथ-साथ शहरी इलाकों के लोग भी जूझ रहे हैं. देहरादून से महिपाल कुंवर की रिपोर्ट पिछले साल पर्याप्त बारिश और बर्फबारी के बावजूद भी उत्तराखंड की कई बस्तियां बढ़ती गर्मी में पानी के लिए तरस रही हैं. उत्तराखंड उत्तर भारत की अधिकांश...
More »पिछले साल से 35 रुपए महंगा मिल रहा है सेब का पौधा
शिमला। इस बार बागबानों को प्लांटेशन के लिए सेब पौधे नहीं मिल रहे हैं। एक सेब के पौधे की कीमत 65 से 70 रुपए के बीच हो गई है। जबकि पिछली साल एक पौधे की कीमत 30 से 35 रुपए थी। सेब के पौधों की कीमत में इतना भारी उछाल इससे पहले कभी नहीं आया। हर साल सेब के पौधे में 5 से 10 रुपए की बढ़ोतरी होती आई है। इस बार...
More »हिमालय में खुलता एक मोर्चा -अभिषेक श्रीवास्तव
पिछले दिनों हिमाचल के रोहतांग से लेह तक एक सुरंग के उद्घाटन की खबर को मीडिया में काफी जगह मिली थी. ऐसा इसलिए भी क्योंकि इसका उद्घाटन करने यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी खुद गई थीं. राज्य के मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने इस सुरंग को रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण करार देते हुए चीन पर आरोप लगाया था कि वह सीमा पर बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचा संबंधी निर्माण कार्य...
More »तो सूख जाएंगे सेब के छह लाख पौधे
सलूणी : ग्लोबल वार्मिग के असर के चलते प्रतिदिन बढ़ रहे तापमान के कारण विकास खंड सलूणी के बागवानों को सेब की उपज को लेकर चिंता सताने लगी है। उपमंडल सलूणी के बागबानों को चिंता सता रही है कि जिस प्रकार ग्लोबल वार्मिग के असर के चलते विगत वर्ष सेब की उपज के लिए 7 डिग्री से नीचे का तापमान पूर्ण नहीं हो पाया था और सेब की पैदावार कम हुई थी। उसी प्रकार...
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