डाउन टू अर्थ, 29 मई इसी तरह से सोनीपत के कुराड़ गांव में रहने वाले 64 वर्षीय किसान सतपाल डाउन टू अर्थ से कहते हैं कि बीते वर्ष नैनो यूरिया का इस्तेमाल उन्होंने भी किया था। नवंबर, 2022 में गेहूं लगाया था जिसकी कटाई अप्रैल, 2023 में की। वह बताते हैं कि फसल में बुआई के करीब 20 से 25 दिन बाद नैनो यूरिया का स्प्रे भी कराया था लेकिन फसलों...
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नैनो यूरिया ट्रायल से खेत तक, भाग-एक: किसानों का क्यों हो रहा मोहभंग?
डाउन टू अर्थ, 9 मई “ वर्ष 2022, नवंबर में कुल 08 हेक्टेयर खेतों में गेहूं की फसल बुआई की थी। बुआई के करीब 20 दिन बाद प्रयोग के तौर पर 4 हेक्टेयर खेत में 500 एमएल वाली 10 नैनो तरल यूरिया की बोतल का छिड़काव किया। खेतों में इस स्प्रे के लिए कुल 1000 रुपए की अतिरिक्त मजदूरी भी दी। जबकि 4 हेक्टेयर खेत में पहले की तरह पारंपरिक यूरिया...
More »प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रही हैं आंध्र प्रदेश की महिला किसान
इंडियास्पेंड, 3 मई एक नीम के पेड़ की छाया में अपने छोटे से एक कमरे के घर के सामने पी. मैरी अपने छह महीने के जुड़वां पोते को दुलारती हैं। जैसे ही गर्मी कम होती है और हवा चलती है, मैरी अपने पति मनोहर और सबसे छोटी बेटी श्रीलेखा के साथ पास की एक एकड़ भूमि पर चली जाती हैं। उस जमीन पर उन्होंने एक सप्ताह पहले ही केले की खेती...
More »डाउन टू अर्थ ग्राउंड रिपोर्ट: तिलहन की एक ऐसी फसल, जो हो रही है विलुप्त
डाउन टू अर्थ, 19 अक्टूबर खरीफ विपणन सीजन के शुरू होने से पहले हर साल जिन प्रमुख 14 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) जारी होता है, उसमें तिलहन की एक ऐसी फसल का नाम भी होता है, जिसके बारे में ज्यादातर लोग बहुत कम जानते हैं। इसे रामतिल (नाइजर सीड) कहा जाता है। एमएसपी के मामले में रामतिल दूसरी सबसे महंगी फसल है। दिलचस्प बात यह है कि जहां एक...
More »अंतिम पड़ाव पर पहुंचा खरीफ सीजन, धान-दलहन का रकबा घटा
डाउन टू अर्थ, 8 सितम्बर खरीफ सीजन की बुआई का समय लगभग समाप्त हो गया है, लेकिन अभी भी पिछले साल के मुकाबले लगभग 22.90 लाख हेक्टेयर में धान की रोपाई नहीं हो पाई है। वहीं दलहन की बुआई भी पिछड़ी हुई है। सबसे अधिक प्रभावित राज्य झारखंड है। यहां लगभग 55 प्रतिशत क्षेत्र में धान की रोपाई नहीं हो पाई है और किसानों ने धान की रोपाई की उम्मीद ही छोड़...
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