भोपाल। एमआईसी गैस का प्रभाव नष्ट करने वाली दवा फैक्ट्री में मौजूद होने के बाद भी यूनियन कार्बाइड प्रबंधन ने आम लोगों को इसका लाभ नहीं दिया। जबकि फैक्ट्री की डिस्पेंसरी में त्रासदी की रात लगभग पांच सौ प्रभावितों का उपचार हुआ था और उनमें से किसी की भी मौत नहीं हुई। दूसरी ओर शहर के अन्य अस्पतालों में लोग तड़प तड़पकर मौत के मुंह में पहुंच गए। यूनियन कार्बाइड...
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कानून मंत्री से उलझे देश के पूर्व न्यायाधीश
नई दिल्ली। भोपाल गैस त्रासदी पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले सोमवार को इस मसले पर अदालत ने जब आरोपियों को सिर्फ दो साल की सजा सुनाई तो जैसे हर किसी के ज्ञान चक्षु खुल गए। ताजा संदर्भो में यह पुरानी जानकारी हर किसी तक पहुंची कि गैस कांड का मुकदमा कमजोर कर दिया गया था। शनिवार को इसी मुद्दे पर देश के कानून मंत्री वीरप्पा...
More »भोपाल गैस कांड : सोराबजी जवाब दीजिए
नौ साल पहले 2001 में तब के एटार्नी जनरल सोली सोराबजी ने वाजपेयी सरकार को राय दी थी कि वारेन एंडरसन के प्रत्यर्पण की कोशिश नहीं की जानी चाहिए, क्योंकि इसके सफल होने की संभावना नहीं है। इसके बाद सरकार ने प्रत्यर्पण की कोशिश नहीं की। उन्होंने अमेरिकी कानूनी फर्म से राय लेने की सलाह भी दी, जबकि इसके पहले 31 जुलाई 1998 को उन्होंने कहा था,‘लापरवाही से मौत (आईपीसी की धारा...
More »25 साल बाद यह कैसा इंसाफ!
नई दिल्ली [विष्णु गुप्त]। महत्वपूर्ण यह नहीं है कि भोपाल गैस काड के आठ अभियुक्तों को न्यायालय ने दोषी ठहराया है, उन्हें दो-दो साल की सजा सुनाई है या अब भोपाल गैस काड के पीड़ितों को न्याय मिल ही गया। अहम यह है कि भोपाल गैस काड के अभियुक्तों को दंडित करने में 25 साल का समय क्यों और कैसे लगा? न्याय की इतनी बड़ी सुस्ती और कछुआ चाल। क्या गैस...
More »राहत औऱ पुनर्वास के लिए GoM पुनर्गठित
नई दिल्ली. मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में 15 हजार लोगों को मौत की नींद सुला देने वाली भीषण गैस त्नासदी के लिए जिम्मेदार परिस्थितियों की समीक्षा करने के लिए केन्द्रीय गृहमंत्नी पी. चिदम्बरम की अध्यक्षता में मंत्नियों के एक समूह का आज गठन किया गया। 25 वर्ष पूर्व हुई इस गैस रिसाव घटना के समय गठित मंत्नी समूह के अध्यक्ष मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्नी अर्जुन सिंह थे। मंत्नियों का यह समूह एक गैस त्रासदी से पीड़ित परिवार...
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