इंडियास्पेंड, 01 जून जींस-टीशर्ट पहने और पतली मूंछ रखने वाले उमेश बारिया अब भी एक कॉलेज जाने वाले विद्यार्थी की तरह लगते हैं, लेकिन वह वास्तव में कच्छ के जखाऊ बंदरगाह पर मछलियां पकड़ते हैं। उनका परिवार पारंपरिक रूप से यही काम करता है। उमेश बचपन से ही अपने परिवार की इस काम में सहायता करते थे और अब वह ख़ुद एक नाव के मालिक हैं। 25 साल के उमेश बताते हैं,...
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चंबल में बढ़ रहा है पनचीरा का कुनबा
डाउन टू अर्थ, 4 मार्च इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (आईयूसीएन) द्वारा विलुप्त प्रजाति में रखे गए स्कीमर परिवार के पक्षी इंडियन स्कीमर का सबसे बड़ा कुनबा अब भारत की चंबल नदी में है। सच कहें तो दुनिया भर में लुप्त प्राय स्थित में पहुंचें इस हिमालयी पक्षी को चंबल की खूबसूरत वादियां खूब रास आ रही है। राजस्थान के धौलपुर और मध्यप्रदेश के मुरैना जिले की सीमा के बीचोबीच...
More »सीबीडी कॉप-15: सबसे कम संरक्षित मूंगे की गहरी चट्टानों की रक्षा करने की तत्काल जरूरत
डाउन टू अर्थ, 13 दिसंबर जैव विविधता पर कन्वेंशन के पक्षकारों के सम्मेलन की पंद्रहवीं (कॉप 15) बैठक जारी है, जिसमें दुनिया भर के नेता, सरकार के वार्ताकार, वैज्ञानिक और संरक्षणवादी हिस्सा ले रहे हैं। जो सात दिसंबर से शुरू होकर 19 दिसंबर 2022 तक जारी रहेगी, इसमें शामिल लोगों का उद्देश्य प्रकृति को होने वाले नुकसान को रोकने और उसे पहले जैसा रखने में सहमति बनाना है। इसी क्रम में...
More »मौसमी शाकाहारी
कुछ लोग होते हैं मौसमी शाकाहारी. यानी खास मियाद के लिए वो विशुद्ध शाकाहारी बन जायेंगे. जैसे ही यह खास मियाद पूरी होगी तब शाक‘आहार’ के प्रवर्तक का चोला उतार कर टूट पड़ेंगे मांस–मछली पर. इन मौसमी शाकाहारियों को लगता है कि जिस मियाद के लिए वो मांस नहीं खा रहें हैं तब कोई और शख्स भी नहीं खाएगा. इसी पूर्वाग्रह को लेकर हाल ही में नवरात्रि पर कई जगह, स्वघोषित धर्म...
More »जलवायु परिवर्तन, पानी में खारापन, मासिक धर्म की समस्याएं: कैसे तमाम बाधाओं से जूझ रहीं हैं सुंदरवन की महिलाएं
दिप्रिंट, 18 सितम्बर जलवायु परिवर्तन ने पश्चिम बंगाल के सुंदरवन क्षेत्र में पानी को खारा कर दिया है, जिससे कृषि अव्यवहारिक हो गई है और लोगों को मछली पकड़ने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. यहां दलदली भूमि क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं के लिए, यह बदलाव न केवल आजीविका से संबंधित है, बल्कि वे अपने जीवन पर पड़ने वाले स्वास्थ्य प्रभावों से भी जूझ रही हैं. खेतों के पोषण को...
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