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कोरोना महामारी के बीच 17 महीनों में दिल्ली सरकार ने विज्ञापन पर खर्च किए 490 करोड़

-न्यूजलॉन्ड्री,  12 जनवरी को दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पंजाब के मोहाली में थे. यहां डोर टू डोर प्रचार के सवाल पर केजरीवाल ने कहा, ‘‘कोरोना के चलते चुनाव आयोग ने डोर टू डोर कैंपेनिंग के लिए कहा है, लेकिन हम तो डोर टू डोर ही करते हैं. ये ट्रेडिशनल तरीका होता था चुनाव लड़ने का. अब तो पैसे खर्चते हैं. बड़े-बड़े एड...

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संयुक्त राष्ट्र की डब्ल्यूईएसपी रिपोर्ट के अनुसार 2022 में भारत की जीडीपी 6.7 फीसदी की दर से बढ़ेगी

-रूरल वॉइस,  संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी वर्ल्ड इकोनॉमिक सिचुएशन एंड प्रॉस्पेक्ट्स (डब्ल्यूईएसपी)  द्वारा 14 जनवरी  प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, भारत कोविड-19 महामारी के दौरान तेजी से टीकाकरण अभियान शुरू करके विकास की ' मजबूत राह ' पर है। भारत की जीडीपी 2022 में 6.7 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान है, जबकि 2021 में यह नौ फीसदी थी। ऐसा इसलिए है क्योंकि कोविड काल में हुए संकुचन का तुलनात्मक आधार प्रभाव अब समाप्त हो गया...

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संभल रही भारतीय अर्थव्यवस्था पर ओमीक्रॉन का खतरा, सुधार करने की जरूरत, बजट तक नहीं कर सकते इंतजार

-द प्रिंट, ऐसे समय में जब हम सब भारतीय कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के भयावह अनुभव से गुजरने के बाद थोड़ी सी राहत की सांस ले रहे थे, इसका एक नया संस्करण, ओमीक्रॉन, हर किसी से उसकी उम्मीदों और आशावादिता के ‘हरियाली’ (ग्रीन शूट्स) को छीन लेने के लिए आ धमका है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को बुखार और गले में खराश के मामलों को ओमीक्रॉन के लक्षणों...

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पीएमजेएवाई का सच: कोविड-19 की दूसरी लहर में निजी बीमा कंपनियों ने की मनमानी

-डाउन टू अर्थ, स्वास्थ्य के क्षेत्र में बीमा केंद्रित दृष्टिकोण महामारी के दौरान कितना प्रभावी रहा?  कोरोना काल में बीमाधारकों के अनुभव बताते हैं कि उन्हें वादों के अनुरूप बीमा का लाभ नहीं मिला। ऐसे में क्या सरकार स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे पर फिर से अपना ध्यान केंद्रित करेगी? हम एक लंबी सीरीज के जरिए आपको बीमा के उन अनुभवों और सच्चाईयों से वाकिफ कराएंगे जिसकी सबसे ज्यादा जरूरत जब थी,...

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नवीनतम एनएफएचएस डेटा: कुल प्रजनन दर में गिरावट की प्रवृत्ति के बीच केरल और तमिलनाडु अपवाद बनकर उभरे‍!

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण पांचवें दौर (एनएफएचएस-5) के दूसरे चरण के आंकड़े जारी होने के बाद, मीडिया टिप्पणीकारों और विशेषज्ञों ने लिखा है कि भारत के लिए कुल प्रजनन दर (टीएफआर) प्रतिस्थापन स्तर की प्रजनन क्षमता से नीचे चली गई है. साल 2015-16 में पूरे देश का कुल प्रजनन दर (टीएफआर) 2.2 थी, जो 2019-21 में घटकर 2.0 हो गई है. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, प्रतिस्थापन स्तर की प्रजनन क्षमता तब...

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