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बिहार, असम और पश्चिम बंगाल में बाढ़ की स्थिति भयावह, भारी बारिश से फ़िलहाल राहत नहीं

-बीबीसी,  बीते कुछ दिनों से बिहार, असम और पश्चिम बंगाल में तेज़ बारिश हो रही है. इससे बिहार और असम, दोनों राज्यों में बाढ़ की स्थिति पहले से भयावह हो गई है. नदियाँ उफान पर हैं. कई नदियों में जलस्तर ख़तरे के निशान से ऊपर बह रहा है. मुज़फ़्फ़रपुर और मधुबनी जैसे ज़िलों के मुख्यमार्ग और गलियों तक में पानी घुस आया है. इसके अलावा भी तमाम शहर पानी में डूबे हैं. मौसम...

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बिहार बाढ़: 8 जिलों के 2 लाख 88 हजार लोग बाढ़ से प्रभावित

-वाटर पोर्टल, कमोबेश हर साल बिहार में तबाही मचाने वाली बाढ़ इस साल भी दस्तक दे चुकी है। अब तक बिहार के 8 जिलों; सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर. गोपालगंज और पूर्वी चम्पारण के 30 ब्लॉक की 150 पंचायतों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है। बिहार के आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने कहा, “अब तक के आकलन के मुताबिक 2 लाख 88 हजार लोग बाढ़ से प्रभावित हुए...

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बिहार में बाढ़ :12 जिलों की दर्जनों पंचायतों के लोगों को शिफ्ट करने की तैयारी

-वाटर पोर्टल, लगातार बारिश से बिहार में कई नदियां ऊफान पर हैं, जिससे बाढ़ के हालात बनने लगे हैं। इस बीच मौसम विज्ञान विभाग ने अगले दो-तीन दिनों तक भारी बारिश का पूर्वानुमान लगाया है, जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है। भारी बारिश का पूर्वानुमान भारतीय मौसमविज्ञान विभाग के पटना मौसमविज्ञान केंद्र की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, उत्तर बिहार के जिलों में तेज बारिश हो सकती है। प्रेस विज्ञप्ति में...

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बिहार में पीडीएस का हाल, मांगा अनाज, मिली जेल

-बीबीसी,  बीती 7 जून को बिहार के अरवल के अनुमंडल कार्यालय में राशन कार्ड बनाने और उसका सत्यापन करवाने के लिए भीड़ उमड़ी थी. हज़ारों की इस भीड़ के लिए सरकारी 'सोशल डिस्टैंसिंग' की बात बेमानी थी. राशन कार्ड के लिए लाइन में सबा परवीन भी खड़ी थी. इस कोरोना कॉल में उनके लिए सरकारी खाद्यान्न सहायता अब जीने-मरने का सवाल बन चुकी है. जीने-मरने का ये सवाल सिर्फ़ अरवल जिले के लोगों के...

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पर्यावरण की दशा-दिशा 2020: कितनी बदली हवा?

-डाउन टू अर्थ, जनवरी 2019 में शुरू किया गया राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी), वायु गुणवत्ता प्रबंधन व अनुपालन के लिए एक राष्ट्रीय ढांचा बनाने की दिशा में एक कदम है। कार्यक्रम के तहत, पीएम 10 और पीएम 2.5 के लिए राष्ट्रीय परिवेश वायु गुणवत्ता मानकों (एनएएक्यूएस) को पूरा नहीं करने वाले 122 शहरों की पहचान “गैर-प्राप्ति” शहरों के रूप में की गई है। इनमें से लगभग 60 प्रतिशत शहर गंगा...

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