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विश्व स्वास्थ्य दिवस: एक साफ, स्वस्थ विश्व के निर्माण का संकल्प

-जनपथ, भारत ही नहीं, पूरी दुनिया के पैमाने पर ‘‘जन स्वास्थ्य’’ एक जरूरी मसला है। सार्वजनिक जन स्वास्थ्य के बिना किसी भी व्यक्ति के लिए स्वस्थ और सुखी रहना नामुमकिन है। कोई व्यक्ति यदि महज धन सम्पत्ति के बदौलत यह सोचता है कि वह अच्छा स्वस्थ्य भी हासिल कर लेगा तो यह उसकी गलतफहमी है। व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाना जरूरी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) आज...

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लोकतंत्र के अंतरराष्ट्रीयकरण का मिथक

-न्यूजक्लिक, जब कभी भी लोकतंत्र का अपने घर में घेराव होता है, लोकतंत्र के हिमायती, उससे प्रेम करने वाले लोग नैतिक समर्थन पाने के लिए अपनी परिधि के पार देखने लगते हैं। अभी-अभी विश्व सूचकांक में स्वतंत्रता की एक रिपोर्ट जारी हुई है, और इसलिए कोई हैरत नहीं कि इसने भारत में लोकतंत्र को चाहने वाले सभी लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। यह विश्व सूचकांक अमेरिका की 80...

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लव जिहाद: गर्भवती पिंकी का अपराधी कौन है?

-सत्यहिंदी, उत्तर प्रदेश के 'लव जिहाद क़ानून' की कथित अभियुक्त मुरादाबाद की पिंकी की कोख यदि सचमुच सुरक्षित रह पाती है, उसे किसी प्रकार की क्षति नहीं पहुँचती है तो जन्म लेने के बाद उसका अबोध शिशु अपने और अपनी माँ के ऊपर हुए शारीरिक व मानसिक आघातों का हिसाब-किताब किससे माँगेगा? ‘प्रदेश' के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से जो अपनी राजनीतिक हित साधना के चलते उसके माता-पिता जैसी परिपक्व युवा दंपत्तियों...

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अर्नब गोस्वामी की तरह पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन मामले में तेज़ी क्यों नहीं?

-बीबीसी, पत्रकार, सरकार की बदले की कार्रवाई, सुप्रीम कोर्ट और आज़ादी का मौलिक अधिकार. पिछले कुछ दिनों से ये शब्द मीडिया में छाए हुए हैं. हाल ही में आत्महत्या के लिए उकसाने के एक मामले में रिपब्लिक न्यूज़ चैनल के मालिक और पत्रकार अर्नब गोस्वामी को सुप्रीम कोर्ट से ज़मानत मिली है. आम लोगों में इस सवाल पर चर्चा हो रही है कि क्या देश की सर्वोच्च अदालत का रवैया और रूख़...

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हाशिए पर दलित

-आउटलुक, “कई ऐसे नीतिगत फैसले हुए जिनसे दलितों को उनके संवैधानिक अधिकार कम होने की आशंका” शुरुआत राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के निराशाजनक तथ्य से करते हैं। इस साल की शुरुआत में आई इसकी रिपोर्ट के अनुसार दलितों के खिलाफ अपराध में उत्तर प्रदेश सबसे ऊपर है। इनमें बलात्कार, हत्या और जमीन से जुड़े विवाद शामिल हैं। इन अपराधों में 2014 से 2018 के दौरान 45 फीसदी बढ़ोतरी हुई। इसके बाद...

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