किसानों के ऊपर जब भी बात की जाती है तब उस बातचीत का दायरा इतना संकीर्ण क्यों हो जाता है ? सिर्फ ‘पुरुष’ किसान को ही किसानों का एकमात्र प्रतिनिधि मान लिया जाता है। ऐसा क्यों ? तमाम अखबारों से लेकर टीवी चैनलों के चित्रपटों पर ‘पुरुष’ किसान ही पूरे कृषक समुदाय का प्रतिनिधित्व कर रहा होता है। क्या इस देश की खेती–बाड़ी में महिलाओं का कोई योगदान नहीं है...
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राष्ट्रीय विद्युत योजना: अक्षय ऊर्जा क्षमता बढ़ने का अनुमान, कोयले पर निर्भरता रहेगी जारी
मोंगाबे हिंदी, 23 अगस्त भारत की राष्ट्रीय विद्युत योजना (एनईपी) के अनुमान के अनुसार, देश साल 2026-27 तक अपनी कुल ऊर्जा क्षमता का लगभग 55% स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल कर लेगा। यदि यह लक्ष्य पूरा हो जाता है, तो भारत जलवायु शमन के स्वैच्छिक लक्ष्य, नेशनली डिटरमाइंड कॉन्ट्रिब्यूशन (एनडीसी) या राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान को साल 2030 की समय सीमा से पहले हासिल कर लेगा। देश ने अपने संशोधित...
More »वन संरक्षण अधिनियम में संशोधन से शुद्ध शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य को हासिल करने में मिलेगी मदद: सरकार
डाउन टू अर्थ, 24 जुलाई केंद्र सरकार ने वन संरक्षण अधिनियम में संशोधन करने और उसमें प्रस्तावना को जोड़ने के लिए शुद्ध शून्य उत्सर्जन को आधार बनाया है। केंद्र सरकार के अनुसार उसका लक्ष्य वन संरक्षण अधिनियम में बदलाव करके शुद्ध शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य को हासिल करना है। गौरतलब है कि इस वन संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 को संसद के मौजूदा माॅनसून सत्र के दौरान चर्चा के लिए पेश किया...
More »जानिए क्या है गुइलेन-बैरे सिंड्रोम, जिसके चलते पेरू में लगाना पड़ा स्वास्थ्य आपातकाल
डाउन टू अर्थ, 12 जुलाई गुइलेन-बैरे सिंड्रोम या जीबी सिंड्रोम से पीड़ित मरीजों की संख्या में वृद्धि होने के बाद दक्षिण अमेरिकी देश पेरू ने गत शनिवार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा कर दी है। यह आपातकाल 90 दिनों के लिए लगाया गया है। इस बारे में 10 जुलाई 2023 को पैन अमेरिकन हेल्थ आर्गेनाईजेशन (पाहो) द्वारा जारी रिपोर्ट से पता चला है कि पेरू में 08 जुलाई तक जीबी सिंड्रोम...
More »जलवायु परिवर्तन के अनुकूल ढलने के लिए संघर्ष कर रहे हैं उत्तराखंड में सीमांत किसान
द थर्ड पोल, 5 जुलाई उत्तराखंड के धुधोली गांव में नीमा देवी, अपनी भाभी प्रेमा देवी के साथ बैठकर हाथ से गेहूं की मड़ाई कर रही हैं। कटाई का मौसम खत्म हो गया है। दरअसल, अपने पड़ोसी के आंगन में, हाथ से गेहूं की मड़ाई करने से इन दोनों को अपने मवेशियों के लिए चारा मिल जाता है। नीमा देवी का कहना है कि उनके पास इतनी ज़मीन भी नहीं है कि...
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