देश के पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में फरवरी-मार्च में विधानसभा के चुनाव होने हैं। निर्वाचन आयोग की ओर से इन राज्यों के चुनावों की तिथियों की घोषणा कभी भी हो सकती है। जब भी चुनाव आते हैं, निर्वाचन आयोग का सारा ध्यान नए मतदाता बनाने व चुनावों को सफलतापूर्वक संपन्न् कराने में लग जाता है, किंतु जो असली मुद्दा है कि चुनावों में अच्छे लोग...
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सहकारी संघवाद चलाना मुश्किल -- संदीप मानुधने
आज के राजनीतिक विवादों (विशेषकर नोटबंदी के बाद के संघर्ष) को देखें, तो सवाल उठता है कि भारत संघात्मक है या एकात्मक? इसका विश्लेषण इतिहास, संविधान और आर्थिक वास्तविकताओं को समझने से हो सकेगा. सहयोगी संघवाद (कोआॅपरेटिव फेडेरलिज्म) वह दृष्टिकोण है, जिसमें राष्ट्रीय और राज्य सरकारें साझा समस्याओं को सुलझाने के लिए परस्पर सहयोग करती हैं. इसके सफल परिचालन के लिए शक्तियों का एक संघीय संतुलन निर्मित करना...
More »अब सरकारी बैंकों के निजीकरण का वक्त - डॉ भरत झुनझुनवाला
विजय माल्या पर 7,000 करोड़ की देनदारी है तो दूसरे बड़े उद्यमियों पर इससे लगभग नौ गुना यानी 60,000 करोड़ रुपए की देनदारी है। माल्या का कहना है कि इस रकम के खटाई में पड़ने में सरकारी बैंकों की भी भागीदारी है, क्योंकि उन्होंने यह जानते हुए लोन दिए थे कि कंपनी संकट में है। सच यह है कि सरकारी बैंकों के अधिकारियों के लिए घटिया लोन देना लाभ का...
More »मेधा के उत्पीड़न से सबक-- अफलातून
एक मेधावी और संवेदनशील युवा राजनीतिक की मौत ने भारतीय समाज को हिला दिया है. इस युवा में जोखिम उठाने का साहस था और अपने से ऊपर की पीढ़ी के उसूलों को आंख मूंद कर न मानने की फितरत भी. वह एक राजनीतिक कार्यकर्ता था, उसका संघर्ष राजनीतिक था. वह आतंक के आरोप में दी गयी फांसी के विरुद्ध था, तो साथ-साथ आतंक फैलाने के लिए सीमा...
More »हमारा सपना है मुस्कराते हुए शहर - वेंकैया नायडू
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा साल 2014 में पहली बार स्मार्ट सिटी का जिक्र करने के बाद से ही देश में इसको लेकर उत्साह रहा है। उन्होंने तब इसे देश के कायाकल्प का जरिया बताया था। इसके जरिए वह हर वर्ग के लोगों के जीवन में गुणात्मक सुधार लाकर देश के शहरों और कस्बों को आर्थिक गतिविधियों का केंद्र बनाना चाहते हैं। स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित शहर दूसरे शहरों...
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