उन्होंने हाई स्कूल तक की तालीम भी हासिल नहीं की, फिर भी वर्षों तक वह कई पीएचडी करने वालों के गाइड रहे। आज वह दादा बन चुके हैं, मगर उनमें अब भी गजब की ऊर्जा है। वह एक इतिहासकार, कातिब, लेखक, फोटोग्राफर, पर्यटक, गाइड व बुनकर रह चुके हैं; और इन दिनों डिजिटल सेल्समैन, सोशल मीडिया पेशेवर और वेबसाइट मैनेजर की भूमिका में सक्रिय हैं। मुजफ्फर अंसारी उर्फ कल्ले भाई...
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शहद और केमिकल से बना रहे थे 4 नामी कंपनियों के नकली सिरप
गुना। शहर में बड़ी दवा कंपनियों के नकली सीरप भारी मात्रा में बरामद हुई हैं। मंगलवार को ड्रग इंस्पेक्टर ने एक कंपनी विशेष की नकली दवा बनाने की शिकायत पर कैंट क्षेत्र के मुंशीपुरा में एक बंद कमरे का ताला तोड़कर कार्रवाई की तो भारी मात्रा में खाली और भरी शीशी देख ड्रग इंस्पेक्टर भी चौंक गए। यहां एक नहीं बल्कि चार कंपनियों की सीरप नकली तैयार की जा रही...
More »बुंदेलखंड: न चारा, न पानी, जानवर बेच रहे हैं किसान
सूखे से झुलस रहे बुंदेलखंड में स्थितियां और भयावह हो चली हैं। हालात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दो वक्त की रोटी के लिए ग्रामीण अपने पशु बेच रहे हैं। पशुओं के खरीदार नहीं मिल रहे हैं, चारे पानी का जबरदस्त संकट है लिहाजा पशुपालक भारी मन से औने-पौने दामों में इनसे पीछा छुड़ा रहे हैं। कई गांव ऐसे भी हैं जहां के लोगों ने अपने...
More »भुखमरी क्यों न हो जब कैदी को रोज 700 ग्राम आटा मिले और गरीब को पाव भर भी नहीं- विनय सुल्तान
हर शहर की अपनी अलग तासीर होती है. इसके बावजूद हर शहर एक तरह से ही उठता है. बिल्कुल इंसान की तरह ही. मंदिर में घंटों की आवाज और अजान के बीच थोड़ा अलसाया सा. ललितपुर में भी छह मई की सुबह ऐसी ही रही होगी. चाय की गुमटियों पर अखबार ताजा से बासी हो जाने की सनातन यात्रा के बीच कस्बे के कृष्णा सिनेमा के पास से गुजरते लोग अचानक...
More »बीज पर सब्सिडी- किसानों के जख्मों पर नमक-- अखिलेश श्रीवास्तव
अकाल बुंदेलखंड की चौखट पर मुंह बाए खड़ा है। ललितपुर जिला सूखे से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में से एक है। जिला कृषि विभाग के ताजा आंकड़े बताते हैं कि सत्तर फीसदी खेत बिना बुआई के वीरान पड़े हैं। कई किसान बदहाली के शिकार होकर अपनी स्वभाविक मौत मर चुके हैं तो कुछ एक खुदकुशी की भी खबरें हैं। इतने संवेदनशील मुद्दे पर भी सरकारी अमला कितने संवेदनहीन तरीके से...
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