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नोटबंदी का हासिल कुछ नहीं-- तवलीन सिंह

नोटबंदी की सालगिरह पर पिछले हफ्ते दोनों पक्षों ने अपने आप को सही साबित करने की कोशिश की। वित्तमंत्री ने दावा किया कि नोटबंदी करके नरेंद्र मोदी ने साबित किया है दुनिया की नजरों में कि भ्रष्टाचार और काले धन को मिटाने के इस महासंग्राम में वे अपने राजनीतिक फायदे और अपनी लोकप्रियता को भी ताक पर रख सकते हैं। दूसरी तरफ थे अपने अक्सर मौन रहने वाले पूर्व प्रधानमंत्री,...

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बिहार में बाढ़ की त्रासदी--- देवेश कुमार/ निखिल आनंद

बिहार में अगस्त के मध्य में आये बाढ़ से 19 जिलों के लगभग डेढ़ करोड़ लोग प्रभावित हुए. इस बाढ़ के आने के ठीक पहले ही राज्य की महागठबंधन राजनीति में आये भूचाल के कारण सत्ता समीकरण में जो परिवर्तन हुआ, उसका हैंगओवर फिलहाल मौजूद है.   पूर्व के महागठबंधन सरकार में शामिल राजनीतिक दलों की एक-दूसरे के प्रति अपने आग्रहों एवं पूर्वाग्रहों को लेकर बयानबाजी की मसरूफियत बाढ़ की त्रासदी...

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महिला आरक्षण पर हो गंभीर चर्चा - डॉ. एके वर्मा

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने महिला आरक्षण विधेयक को लोकसभा में पारित कराने के लिए पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर इस मुद्दे को एक बार फिर राष्ट्रीय विमर्श के केंद्र में लाने की कोशिश की है। इस विधेयक को राज्यसभा मार्च 2010 में पारित कर चुकी है, लेकिन लोकसभा से पारित होने की नौबत नहीं आ रही है। सोनिया गांधी के अनुसार मोदी को अपने दलीय बहुमत...

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प्रभु के राज में चल रही 'मौत' की रेल, 3 साल में मारे गए 700 यात्री

रेल मंत्री सुरेश प्रभु के 3 साल के कार्यकाल में करीब 700 लोग रेल हादसों में अपनी जान गवां चुके हैं. ये आंकड़ा साल 2014-15 से अब तक का है. इस दौरान 346 छोटे बड़े रेल हादसे हुए हैं. रेल सुरक्षा पर बड़े-बड़े दावों के बाद भी मुसाफिरों की जान भारतीय रेल में सुरक्षित नहीं है. इससे पहले लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहते साल 2004-05 से 2006-07 तक...

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बाढ़ और राजनीति का मौसम --- प्रेम कुमार

बाढ़ ने भले ही देश में डेढ़ करोड़ से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में ले लिया हो या रेडक्रॉस ने भारत, नेपाल और बांग्लादेश में आयी बाढ़ को दक्षिण एशिया में गंभीर मानव संकट करार दिया हो, लेकिन भारत की राजनीति इस बाढ़ से सूखी है. ऐसा लगता है कि देश की राजनीति को कोई फर्क नहीं पड़ता कि अकेले बिहार में 1 करोड़ से ज्यादा लोग, तकरीबन पूरा...

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