SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 669

बांध सुरक्षा और पूर्व चेतावनी प्रणाली की अनदेखी ने बनाया सिक्किम की बाढ़ को घातक

मोंगाबे हिंदी,10 अक्टूबर साल 2011 में सिक्किम में आए 6.9 तीव्रता के भूकंप की याद में हर साल 18 सितंबर को राज्य में आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस साल भी तीस्ता नदी में आने वाली बाढ़ को लेकर तैयारियों पर ध्यान दिया गया। लेकिन कुछ हफ़्तों के बाद ऐसा हुआ जिसका राज्य और बांध अधिकारियों को आपदा के पैमाने का अनुमान नहीं तक था। यह...

More »

मॉनसून 2023: लगातार 13वें साल देरी से हो रही है वापसी, अक्टूबर तक हो सकती है बारिश

डाउन टू अर्थ, 25 सितम्बर  अमूमन देश में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की हवाएं 17 सितंबर तक उत्तर-पश्चिमी भारत से वापस जाना शुरू कर देती हैं, लेकिन चालू सीजन में अभी वापसी की कोई संभावना नहीं दिख रही है और बारिश अक्टूबर तक बढ़ सकती है। यह लगातार 13वां ऐसा साल है, जब मॉनसून की वापसी देरी से हो रही है। हालांकि 21 सितंबर को मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने संकेत दिया कि मॉनसून...

More »

मॉनसून में कमी के चलते ग्रामीण इलाकों में बढ़ी मनरेगा के तहत काम की मांग

डाउन टू अर्थ, 13 सितम्बर  पिछले तीन महीनों में मॉनसून के दौरान पर्याप्त बारिश न होने के कारण महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में काम की मांग काफी बढ़ गई है। कुछ राज्यों में तो यह मांग महामारी के समय से भी ज्यादा है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक सितंबर के दूसरे सप्ताह तक देश में होने वाली मानसूनी बारिश में 40...

More »

जम्मू के जिलों में बढ़ते तापमान से स्थानीय जनजातियों की आजीविका को खतरा

मोंगाबे हिंदी, 05 सितम्बर  जम्मू यूनिवर्सिटी के भूगोल विभाग की एक रिसर्च टीम ने जलवायु परिवर्तन से पड़ने वाले प्रभाव के आधार पर जम्मू और कश्मीर में जम्मू प्रांत के 10 जिलों की रैंकिंग की। उन्होंने जम्मू प्रांत में बारिश और तापमान जैसे जलवायु परिवर्तन के जोखिम की सीमा का मूल्यांकन करने के लिए, श्रीनगर के भारत मौसम विज्ञान विभाग से मदद ली। टीम ने तीन दशकों में मौसम केंद्रों से...

More »

चावल की उपज पर मंडरा रहा खतरा, अगस्त की बारिश करेगी फैसला

डाउन टू अर्थ, 21 अगस्त  जून और जुलाई में देश के कई हिस्सों में हुई कम वर्षा के चलते चावल उत्पादन पर खतरा मंडरा रहा है। हालांकि, उड़ीसा के कटक स्थित राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान में कृषि मौसम वैज्ञानिक देबाशीष जेना ने डीटीई को बताया कि"उत्पादन तभी प्रभावित होगा जब मानसून कोर जोन में मानसून खराब होगा, क्योंकि वहां फसल ज्यादातर वर्षा पर आधारित होती है।" भारत में कोर मानसून क्षेत्र पश्चिम...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close