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कॉप 27: 2022 के दौरान भारत के उत्सर्जन में हो सकती है 6 फीसदी की वृद्धि, चीन में आएगी गिरावट

 डाउन टू अर्थ, 14 नवम्बर  पिछले वर्ष की तुलना में इस साल वैश्विक उत्सर्जन में मामूली वृद्धि होने की आशंका है। वहीं सबसे ज्यादा वृद्धि भारत में देखने को मिल सकती है। यह जानकारी मिस्र के शर्म अल-शेख में जलवायु परिवर्तन पर चल रहे 27वें संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (कॉप 27) के दौरान जारी रिपोर्ट में सामने आई है। वहीं अमेरिका में  उत्सर्जन में दूसरी सबसे बड़ी वृद्धि होने का अनुमान...

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वैश्विक ग्रीन हाउस उत्सर्जन 2025-2030 के बीच अपने चरम पर होगा

कार्बनकॉपी, 01 नवम्बर मिस्र के शर्म-अल-शेख में सोमवार से शुरू हो रहे जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में इस बात का आकलन भी होगा कि आखिर उन वादों से क्या हासिल हो रहा है जो दुनिया के तमाम देशों ने ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने के लिए किए हैं। इन राष्ट्रीय वादों या संकल्पों को तकनीकी भाषा में एनडीसी (नेशनली डिटर्माइंड कॉन्ट्रिब्यूशन) कहा जाता है। शर्म-अल-शेख सम्मेलन से पहले जलवायु परिवर्तन...

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वैश्विक स्तर पर हर साल झीलों से उत्सर्जित हो रही है 4.2 करोड़ टन मीथेन : रिसर्च

डाउन टू अर्थ, 08 अगस्त क्या आप जानते हैं कि दुनिया भर में झीलें हर साल कितनी मीथेन वातावरण में छोड़ रही हैं, यदि नहीं तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वैज्ञानिकों का अनुमान है कि हर साल यह झीलें करीब 4.2 करोड़ टन मीथेन वातावरण में उत्सर्जित कर रही हैं। गौरतलब है कि दुनिया भर में करीब 28 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में झीलें हैं जोकि आकार में...

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जलवायु परिवर्तन से जुड़ी कुछ बुनियादी बातें और शब्दकोश

कार्बनकॉपी, 01 अगस्त हमारी  जलवायु सूर्य, पृथ्वी और महासागरों, हवा, बारिश और बर्फ, तापमान, आर्द्रता,  वायुमंडलीय दबाव, समुद्र के तापमान, आदि से जुड़ी हुई प्रणाली है। इसमें विशेष रूप से औसत वायुमंडलीय तापमान में वृद्धि , दुनिया के किसी हिस्से में बारिश के पैटर्न में आया दीर्घकालिक बदलाव और मौसम यानी सर्दी/ गर्मी के  ग्राफ में असामान्य परिवर्तन ही सरल शब्दों में जलवायु परिवर्तन है। उदाहरण के लिए, प्रशांत सागर का...

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खबरदार

  खास बात • गंगोत्री ग्लेशियर सालाना ३० मीटर की गति से सिकुड़ रहा है।* • अगर समुद्रतल की ऊंचाई एक मीटर बढ़ती है तो भारत में ७० लाख लोग विस्थापित होंगे।* • पिछले बीस सालों में ग्रीनहाऊस गैसों के उत्सर्जन में सर्वाधिक बढ़ोत्तरी जिवाश्म ईंधन के दहन से हुई है।* • मानवीय क्रियाकलापों के कारण ग्लोबल ग्रीन हाऊस गैस के उत्सर्जन में लगातार बढोत्तरी हो रही है। अगर औद्योगीकरण के पहले के समय से तुलना करें तो मानवीय क्रियाकलापों...

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