पटना राज्य के ज्यादातर सांसदों ने अपने कर्तव्यों की केंचुल उतार लोकहित की अपनी जिम्मेदारियां स्थानीय प्रशासन के जिम्मे छोड़ दी है। लिहाजा कहीं सांसद निधि की राशि विमुक्त न हो सकी, तो कहीं जमीन पर उसका कोई उपयोग नदारद है। लगता है कि पहले की तरह वायदों को जमीन पर उतारने की नहीं , कुछ और वायदे करते जाना, सांसदों का राजनीतिक शगल हो गया है। जनता यह खेल देखते रहने को अभिशप्त है।...
More »SEARCH RESULT
बेरोजगारी
एक नजर सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर लगातार ऊंची बनी होने के बावजूद भारत अपनी ग्रामीण जनता की जरुरत के हिसाब से मुठ्ठी भर भी नये रोजगार का सृजन नहीं कर पाया है। नये रोजगारों का सृजन हो रहा है लेकिन यह अर्थव्यवस्था के ऊंचली पादान के सेवा-क्षेत्र मसलन वित्त-जगत, बीमा, सूचना-प्रौद्योगिकी और सूचना प्रौद्योगिकी के दम पर चलने वाले हलकों में हो रहा है ना कि विनिर्माण और आधारभूत ढांचे के...
More »