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जाकिर हुसैन ट्रस्ट प्रकरण : समाचार चैनल को नोटिस

लखनऊ, 18 अक्तूबर (एजेंसी) इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने केन्रदीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद के संचालन वाले डाक्टर जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा कथित धांधली को लेकर दायर जनहित याचिका का आधार बतायी जा रही सामग्री तथा उससे जुड़े सम्पूर्ण दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिये आज सम्बन्धित समाचार चैनल को नोटिस जारी किया। न्यायमूर्ति उमानाथ सिंह तथा न्यायमूर्ति सतीश चन््रद की खण्डपीठ ने सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर की जनहित याचिका की...

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प्रधान नहीं जानतीं पंचायतीराज मंत्री कौन!- सुरेश कासलीवाल की रिपोर्ट

अजमेर.जिले की अरांई पंचायत समिति की प्रधान पारसी देवी, जहाजपुर प्रधान सीता देवी गुर्जर व आसींद की प्रधान देबी भील अपने अधिकारों के बारे में तो अनजान हैं ही, उन्हें पंचायतीराज विभाग के मुखिया पंचायतीराज मंत्री का नाम तक मालूम नहीं है? एक को इसके बारे में जानकारी नहीं। दूसरी बोलती है, पूरा नाम पता नहीं पर शायद कोई मालवीय हैं और तीसरी प्रधान ने पंचायतीराज मंत्री का नाम बताया, राजेंद्र सिंह राठौड़ । ...

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'बच्चे पैदा करने में नंबर वन बन गया है राजस्थान'

जोधपुर.मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि बच्चे पैदा करने में राजस्थान नंबर वन बन गया है। देश की करीब साढ़े पांच प्रतिशत आबादी राजस्थान में बसती है। इसलिए प्रदेशवासी दो बच्चों के बाद फुल स्टॉप लगाएं, ताकि बच्चों की परवरिश अच्छे से हो सके। उन्होंने चेताया कि अगर ऐसा नहीं होगा तो भविष्य में तकलीफ ही तकलीफ होगी। वे रविवार को मंडोर रोड स्थित विशेष पिछड़ा वर्ग और अन्य पिछड़ा वर्ग के...

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अप्रैल में स्मार्ट कार्ड से मिलेगी सामाजिक सुरक्षा पेंशन

शिमला. प्रदेश में पहली अप्रैल से 2,67,2८2 लोगों को बैंक के माध्यम से सामाजिक सुरक्षा पेंशन मिलेगी। इसके लिए सभी पात्र लोगों को बायोमीट्रिक स्मार्ट कार्ड उपलब्ध करवाए जाएंगे। वर्तमान में यह सुविधा केवल ऊना जिले में उपलब्ध है, जहां स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के माध्यम से सामाजिक सुरक्षा पेंशन की अदायगी हो रही है। पीएनबी-यूको बैंक देंगे सेवा प्रदेश में अब तक ऊना जिले में एसबीआई के माध्यम से सामाजिक...

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राजस्थान में आदिवासी अधिकारों की अनदेखी

सामाजिक अधिकारिता के कानूनों के होने भर से किसी समुदाय के सशक्तीकरण की गारंटी होती तो राजस्थान का आदिवासी समुदाय ना तो शिक्षा के बुनियादी अधिकार से वंचित रहता और ना ही अपनी जीविका के जरुरी साधन जमीन से। मिसाल के लिए इन तथ्यों पर गौर करें।राजस्थान की कुल आबादी में आदिवासी समुदाय की तादाद १२.४४ फीसदी है और साक्षरता-दर है ४४.७ फीसदी जबकि सूबे की औसत साक्षरता दर इससे कहीं ज्यादा ऊंची(६१.०३ फीसदी) है। क्या शिक्षा...

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