डाउन टू अर्थ , 10 फरवरी यूरोपीय संघ में 2010 से 2019 के बीच, मेंढक के पैरों का कुल आयात 4.07 करोड़ किलोग्राम था, जो लगभग 2 अरब मेंढकों के बराबर है। जबकि बेल्जियम इनका मुख्य आयातक है, फ्रांस मुख्य उपभोक्ता है। यह खुलासा एक नए अध्ययन में किया गया है, जिसमें मेंढक के पैरों के व्यापार में भारी अस्थिरता और इसकी मांग को पूरा करने के लिए अन्य देशों पर...
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संकट में रक्त चंदन, पांच वर्षों में भारत से 19 हजार टन से ज्यादा लकड़ी का किया गया अवैध निर्यात
डाउन टू अर्थ, 6 फरवरी देश में रक्त चंदन का अवैध व्यापार तेजी से फल-फूल रहा है। इसकी पुष्टि अंतराष्ट्रीय संगठन ट्रैफिक और डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-इंडिया द्वारा जारी नई फैक्टशीट "रेड सैंडर्स: फैक्टशीट ऑफ इंडियाज रेड सैंडर्स इन इलीगल वाइल्डलाइफ ट्रेड" से हुई है। फैक्टशीट के मुताबिक देश से 2016 से 2020 के दौरान 19,049 टन से ज्यादा रक्त चंदन की लकड़ी की तस्करी की गई थी। सीआईटीईएस ट्रेड डेटाबेस ने ऐसे 28 घटनाएं...
More »महाराष्ट्र में खोजा गया नया पठार, प्रजातियों के अस्तित्व पर अध्ययन के लिए अहम
डाउन टू अर्थ, 24 जनवरी भारत में दुनिया भर की चार जैव विविधता हॉटस्पॉट में से एक पश्चिमी घाट का इलाका है। शोधकर्ताओं द्वारा महाराष्ट्र राज्य के ठाणे इलाके में खोजे गए 24 अलग-अलग प्रजातियों के पौधों और झाड़ियों की 76 प्रजातियों वाला एक दुर्लभ कम ऊंचाई वाला बेसाल्ट पठार खोज निकाला गया है। यह खोज डॉ. मंदार दातार के नेतृत्व में पुणे के अगरकर रिसर्च इंस्टीट्यूट (एआरआई) की टीम ने हाल...
More »सफेद गैंडों के विलुप्त होने से बचाने के लिए वैज्ञानिकों ने खोजा अनोखा तरीका
डाउन टू अर्थ, 19 दिसंबर केन्या के सफेद गैंडों के विलुप्त होने से बचाने के लिए, बायोरेस्क्यू टीम गंभीर रूप से लुप्तप्राय उप-प्रजातियों के प्रयोगशाला में अंडे और शुक्राणु कोशिकाओं को विकसित करने का काम कर रही है। टीम ने इसे एक मील का पत्थर बताया है, उन्होंने स्टेम सेल से प्राइमर्डियल जर्म सेल उत्पन्न किए हैं जो दुनिया में पहली बार किया गया है। तैंतीस वर्षीय नाजिन और उनकी बेटी फातू...
More »सीबीडी कॉप-15: सबसे कम संरक्षित मूंगे की गहरी चट्टानों की रक्षा करने की तत्काल जरूरत
डाउन टू अर्थ, 13 दिसंबर जैव विविधता पर कन्वेंशन के पक्षकारों के सम्मेलन की पंद्रहवीं (कॉप 15) बैठक जारी है, जिसमें दुनिया भर के नेता, सरकार के वार्ताकार, वैज्ञानिक और संरक्षणवादी हिस्सा ले रहे हैं। जो सात दिसंबर से शुरू होकर 19 दिसंबर 2022 तक जारी रहेगी, इसमें शामिल लोगों का उद्देश्य प्रकृति को होने वाले नुकसान को रोकने और उसे पहले जैसा रखने में सहमति बनाना है। इसी क्रम में...
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