देवघर: पेंशन से जुड़ी थी बद्री मेहतर की सांस. पेंशन क्या बंद हुई बद्री की सांस ही बंद हो गयी. पीछे छूट गया छह सदस्यों का बड़ा परिवार, जिसके लिए दिन पहाड़ है और रात कोई डरावना सपना. बद्री मेहतर कोई निकम्मा आदमी नहीं था. वह नगर निगम का सेवानिवृत सफाई कर्मचारी था. कोई एक महीने से बीमारी से जूझ रहा था. यथोचित इलाज के अभाव में रविवार की रात...
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बस्तर के स्कूलों में लौटने लगे हैं शिक्षक-- शुंभ्रांशु चौधरी
के. रमेश सरकारी शिक्षक हैं पर बीते छह साल से यानी जब से उनकी नौकरी लगी है वे अपने स्कूल नहीं जाते थे. हालांकि उनको महीने में 21,000 रूपये की तनख्वाह मिलती है. बस्तर में ऐसे सैकड़ों के. रमेश हैं जो झंडा शिक्षक के नाम से जाने जाते हैं. ये लोग 15 अगस्त और 26 जनवरी को अपने स्कूल में राष्ट्रीय झंडा फहराने जाते हैं. उनके झंडा फहराने के बाद नक्सली...
More »राजनीतिक पार्टियों में आंतरिक लोकतंत्र और वित्तीय पारदर्शिता बेहद जरूरी - जगदीप छोकर
चुनाव आते ही राजनीतिक पार्टियों द्वारा मतदाताओं को लुभाने की कोशिशें तेज हो जाती हैं. कोई पैसे बांट कर लुभाता है, कोई शराब बांट कर लुभाता है, तो कोई उपहार बांट कर. करोड़ों रुपये पकड़े जाते हैं. हजारों बोतल शराब पकड़ी जाती है. जाहिर है, जिन पैसों से यह सब होता है, वह पैसा सही तो नहीं ही होगा. जो पैसा सही नहीं है, वह कालाधन की श्रेणी में अपने...
More »दादी से सीखी कला से खड़ा किया अपना रोजगार
बचपन में सीखी गयी कला कभी रोजगार का जरिया बन जायेगी, यह सोचा भी नहीं था. जयनगर, मधुबनी की नाजदा खातून बचपन में दादी से सिक्की बुनाई सीखा करती थीं. उनकी ख्वाहिश थी कि उनके हुनर को लोग दूर-दूर तक जानें और लोग भी इस पारंपरिक कला से जुड़ें. लेकिन तब ऐसा नहीं हो सका. ग्रामीण परिवेश की नाजदा की शादी कम उम्र में हो गयी और यह अरमान मन...
More »हमारे धनकुबेर और टैक्स हेवन - मोहन गुरुस्वामी
हमारे देश के ऊंचे और रसूखदार लोगों का किया-धरा धीरे-धीरे अब सार्वजनिक जानकारी के दायरे में आता जा रहा है। पनामा पेपर्स का खुलासा इनमें सबसे ताजातरीन मामला है। इन खुलासों ने हड़कंप मचा दिया है कि भारत की कम से कम पांच सौ आलातरीन शख्सियतों की पनामा में फर्जी कंपनियां हैं, जिनका मकसद मनी लॉन्ड्रिंग या धन छिपाना था। इस खुलासे के बाद ज्यादा से ज्यादा यही कहा जा...
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