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अभी और बढ़ेंगे तेल के दाम-- सौरभ चंद्र

लगातार बढ़ रहे डीजल तथा पेट्रोल के दाम एक बार फिर सुर्खियों में हैं। आम जनता चिंतित भी है और परेशान भी। आखिर इस वृद्धि की वजह क्या है? इस सवाल का जवाब ढूंढ़ने के लिए उपभोक्ताओं द्वारा पंपों पर भुगतान किए जाने वाले मूल्यों का विश्लेषण आवश्यक है। असल में, देश की बड़ी तेल-विक्रय कंपनियां तेल-शोधन और शोधित पदार्थों का विक्रय, दोनों काम करती हैं। शोधन कारखानों यानी रिफाइनरी...

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भविष्य के शिक्षक, शिक्षकों का भविष्य-- हरिवंश चतुर्वेदी

आज के दिन देश के लाखों स्थानों पर स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में शिक्षक दिवस धूमधाम से मनाया जाता है। लेकिन क्या डॉ राधाकृष्णन की कल्पना के अनुरूप आज भी समाज में शिक्षक और शिक्षा के पेशे को हम वह सम्मान दे पाए हैं, जो उन्हें मिलना चाहिए? हम इंजीनियरों, डॉक्टरों, चार्टर्ड अकाउंटेंट, आईएएस, आईपीएस, नेताओं, उद्योगपतियों, साधु-संतों और फिल्मी अभिनेताओं से मिलकर जितना गद्गद् होते हैं और सेल्फी लेने...

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देश के सर्विस सेक्टर की गतिविधियां अगस्त में 21 महीने के उच्च स्तर से फिसल गयीं नीचे

नयी दिल्ली : देश के सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में अगस्त में गिरावट देखी गयी. जुलाई में 21 महीने के उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद इनमें भारी गिरावट दर्ज की गयी है. इसकी अहम वजह नये ऑर्डरों में कमी आना और लागत मुद्रास्फीति का बढ़ना है. सेवा क्षेत्र की कंपनियों के परचेजिंग मैनेजरों के बीच किये जाने वाले मासिक सर्वेक्षण में यह आंकड़े सामने आये हैं. निक्की इंडिया पीएमआई...

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रोजगार-शिक्षा की चिंताजनक स्थिति-- आशुतोष चतुर्वेदी

पिछले दिनों मीडिया में दो चौंकाने वाली खबरें सामने आयीं. एक तो उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग के चपरासी के पदों पर 50 हजार ग्रेजुएट, 28 हजार पोस्ट ग्रेजुएट और 3700 पीएचडी धारकों ने आवेदन किया. कुल 93 हजार आवेदनकर्ताओं में सिर्फ 7400 उम्मीदवार ही ऐसे थे, जो पांचवीं पास थे. ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट उम्मीदवारों में इंजीनियर और एमबीए डिग्री वाले शामिल थे. इस पद का काम...

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असली चुनौती अभी कायम है-- अजीत रानाडे

त्रैमासिक राष्ट्रीय आय पर 31 अगस्त को जारी आधिकारिक आंकड़े में बताया गया कि अप्रैल से जून की तिमाही के दौरान देश के जीडीपी की वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत रही. यह वृद्धि 7.5 अथवा 7.6 प्रतिशत की उम्मीद से ही नहीं, बल्कि 8 प्रतिशत के एक मनोवैज्ञानिक स्तर से भी स्पष्टतः अधिक थी, जो पिछली नौ तिमाहियों में सर्वाधिक होने की वजह से आर्थिक मोर्चे पर एक खुशखबरी है. पिछले...

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