दिलीप साहू, रायपुर। दो दशक पहले तक छत्तीसगढ़ की पहचान रहे दुबराज, जवाफूल, बादशाह भोग, विष्णु भोग, चिन्नौर जैसे सुगंधित धान अब विलुप्ति के कगार पर हैं। हाईब्रीड व अधिक उपज देने वाली स्वर्णा, एमटीयू 1010 जैसी किस्मों के विस्तार के साथ परंपरागत क्षेत्रीय सुगंधित धान की किस्में गांवों से ज्यादातर समाप्त हो चुकी हैं। विलुप्त होते ऐसे पारंपरिक सुगंधित धान की 30 से अधिक वेराइटी को फिर से सहेजने...
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बिहार-झारखंड धान उत्पादन के नये अगुवा
एक समय था जब भारत इतना भी गेहूं-चावल नहीं उगा पाता था कि अपने लोगों का पेट भर सके. लेकिन दौर बदला और 60 के दशक में आयी हरित क्र ांति से भारत के भंडार अनाज से भरने लगे. इस सफलता में अगर सबसे ज्यादा पसीना किसी का बहा, तो वो थे पंजाब और हरियाणा के किसान. उत्तर-पश्चिमी भारत के ये छोटे राज्य अपने मेहनतकश किसानों के बूते पूरे भारत...
More »बांध लील गए जमीन, चार दशक बाद भी किसानों को मुआवजा नहीं
जिया कुरैशी, रायपुर। आजादी के छह दशक बाद भी लोगों के लिए प्रशासनिक प्रक्रिया कितनी जटिल बनी हुई है, इसका अंदाजा छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के किसानों के एक मामले को देखकर लगाया जा सकता है। कोई चार दशक पहले धमधा तहसील में सूखा और अकाल पीड़ितों की मदद के इरादे से राहत कार्य के तहत बांध बनाए गए थे। यह काम शुरू हुआ और बांध भी बन गए, लेकिन...
More »पहले थी सूखे की आशंका, अब किसान चाह रहे बारिश पर ब्रेक
रायपुर। जून में बारिश की कमी ने सूखे की आशंका बढ़ा दी थी, लेकिन जुलाई की बारिश ने इस आशंका को न सिर्फ खत्म कर दिया है, बल्कि अब किसान बारिश में ब्रेक चाहते हैं। अब आलम यह है कि खेतों में पानी भरा हुआ है और किसान पानी निकाल नहीं पा रहे। मौसम और कृषि विभाग का कहना है कि अब कम से कम एक हफ्ते बारिश...
More »अब अच्छी बारिश से भी नहीं सुधरेगी खरीफ फसलों की बुआई, पैदावार घटना तय- धर्मेन्द्र चौधरी
मौसम विभाग ने उम्मीद जताई है कि मानसून के लिए परिस्थितियां अनुकूल हो चली हैं और अगले 2 से 3 दिनों में इसका विस्तार पूरे देश में होगा। मानसून की यह बौछार गर्मी से परेशान लोगों के लिए राहत की खबर भले हो लेकिन चावल की बुआई के लिए इंतजार कर रहे किसान अब इसकी अहमियत को कम आंक रहे हैं। बाजार के विशेषज्ञ भी इसी के चलते उत्पादन में...
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