राजस्थान के इस गांव में नाम भर को पढ़ा लिखा एक चरवाहा, बिना किसी सरकारी या दूसरे सहयोग के रात के अंधेरे में ज्ञान की रोशनी फैला रहा है. हरडी गांव अजमेर से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. आसपास के तमाम दूसरे गांवों की तरह ही हरडी भी बिजली, पानी, सड़क जैसे विकास के न्यूनतम प्रतिमानो से वंचित है. गड़रिया जाति बाहुल्य इस गांव के 12 किलोमीटर के दायरे में कोई प्राथमिक स्वास्थ्य...
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एक क्लिक और जानकारी हाजिर
उज्जैन. राजस्व विभाग और पंचायतों की जानकारी लेने के लिए अब न दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ेंगे और न ही सूचना के अधिकार के तहत आवेदन देने की जरूरत होगी। कम्प्यूटर पर एक क्लिक करते ही जानकारी सामने होगी। यह सुविधा इन विभागों को ऑनलाइन करने से मिलेगी। राजस्व विभाग की जानकारी ऑनलाइन करने का सॉफ्टवेयर उज्जैन में तैयार हो रहा है। इससे विभागीय कामकाज का बोझ भी कम होगा...
More »चीन और अमेरिका में मांग बढ़ने से कॉपर 8फीसदी महंगा
वैश्विक आर्थिक संकट खत्म होने के संकेतों से चीन, अमेरिका, जर्मनी सहित भारत में कॉपर की औद्योगिक मांग बढ़ने से लंदन मेटल एक्सचेंज (एलएमई) में इसकी कीमतों में आठ फीसदी तक की वृद्धि हुई है। जानकारों के अनुसार यूरो के मुकाबले डॉलर के कमजोर पड़ने के कारण भी एलएमई में कॉपर की कीमतों में तेजी को बल मिला है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दाम बढ़ने के कारण घरेलू बाजार में भी...
More »इस सूखे में संभावना
इस साल के सूखे ने एक बार फिर ध्यान दिलाया है कि देश के जिन इलाकों में सिंचाई के साधनों के टोटे हैं वहां चावल और गेंहूं जैसे पेट भर पानी पीकर लहलहानी वाली फसलों के बजाय मोटहन मसलन-ज्वार-बाजार,मरुआ-मसुरिया जैसी फसलों को उपजाने की जरुरत है क्योंकि इन फसलों को पानी की कम जरुरत होती है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार देश की कुल ७० फीसदी कृषि भूमि सिंचाई के लिए...
More »भ्रष्टाचार
खास बात • ट्रांसपेरेन्सी इंटरनेशनल के करप्शन परसेप्शन इंडेक्स(साल २०14) में भारत १७5 देशों के बीच ८५ वें पादान पर रखा गया था। साल 2010 के इंडेक्स में भारत फिसलकर 87 वें स्थान पर जा पहुंचा था।* • साल २००६-०७ में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों ने ८८३ करोड़ रुपये बुनियादी सेवाओं को हासिल करने के लिए घूस में चुकाये।** • साल २००६-०७ में भारत के सबसे गरीब...
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