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छोटे राज्यों के बड़े प्रश्न- रोहित जोशी

जनसत्ता 25 फरवरी, 2014 : भारत में राज्यों के पुनर्गठन का प्रश्न नया नहीं है। यह लगातार यक्ष प्रश्न बना रहा है कि आखिर इतने विविधतापूर्ण देश में राज्यों के पुनर्गठन का एक सर्व-स्वीकार्य और जायज तार्किक आधार क्या हो? साथ ही पृथक तेलंगाना का यह विवाद भी नया नहीं है और जितना हो-हल्ला इस मसले पर हमने पिछले दिनों में देखा उसकी एक लंबी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है। 1956 में संसद...

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28 कोयला खदानों का आबंटन रद्द

कोयला मंत्रालय ने जेएसपीएल, आर्सेलर मित्तल तथा स्टरलाइट इंडस्ट्रीज समेत अन्य कंपनियों को आवंटित 28 कोयला खदानों का आवंटन रद्द करने का निर्णय किया है। कोयला खदानों के विकास में देरी को लेकर यह फैसला किया गया है। कोयला मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार, कोयला खदान पर अंतर-मंत्रालयी समूह (आईएमजी) ने 28 खदानों का आवंटन रद्द करने की सिफारिश की है। सरकार ने आईएमजी की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया...

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शीघ्र शुरू होगी खनिज संपदा की रखवाली

पटना: खनिज संसाधन के बेहतर विकास व उपयोग और अवैध उत्खनन पर लगाम लगाने के लिए बिहार राज्य खनिज निगम जल्द ही अस्तित्व में आ जायेगा. निगम के अस्तित्व में आने से राज्य की खनिज संपदा की बेहतर रखवाली और हर साल होनेवाले राजस्व नुकसान पर काबू पाया जा सकेगा. वर्ष 2014 में खनिज से कुल 641 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. केवल बालू के उत्खनन व उठाव...

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संविधान की रक्षा के लिए न्यायिक सक्रियता जरूरी- जस्टिस आर एस सोढ़ी

इस साल सुप्रीम कोर्ट ने भ्रष्टाचार और चुनाव सुधार की दिशा में कई अहम फैसले सुनाये. इन फैसलों के दूरगामी असर होंगे. हालांकि सुप्रीम कोर्ट के इन फैसलों से एक बार फिर न्यायिक सक्रियता का सवाल उठा और कई लोगों ने न्यायपालिका को लक्ष्मण रेखा न लांघने की सलाह भी दी. लेकिन मेरा स्पष्ट मानना है कि जब शासन व्यवस्था जनहित की जिम्मेवारी नहीं निभाती है, तो एक शून्य उभरता...

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सुप्रीम कोर्ट ने सुनाए समाज और लोकतंत्र को प्रभावित करने वाले फैसले

नई दिल्ली। यह साल न्यायिक संक्रांति के लिए भी याद किया जाएगा। देश की शीर्ष अदालत ने समाज और हमारे लोकतंत्र को प्रभावित करने वाले कई अहम फैसले इस साल सुनाए। जेल में बंद लोगों के निर्वाचित प्रतिनिधि बनने और दो साल से अधिक की सजा पाने वाले सांसदों-विधायकों को सदन की सदस्यता के अयोग्य करार देने जैसे चुनाव सुधारों पर ऐतिहासिक फैसलों, ‘पिंजरे में बंद’ सीबीआइ की स्वायत्तता की गुहार...

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