कोई भी व्यक्ति बगैर झूठा बने एक श्रद्धांजलि का लेखन कैसे कर सकता है? बीते सात नवंबर को रूसी क्रांति की शताब्दी मनाते हुए इस प्रश्न ने मुझे परेशान-सा कर दिया. कठिनाई यह नहीं है कि इस क्रांति का पुत्र यानी सोवियत संघ 70 वर्षों का होकर मृत हो गया. कोई भी अमर नहीं होता. समस्या यह भी नहीं कि समाजवादी प्रयोग अंततः विफल रहा. सफलता से सभी चीजों की...
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35 किलो चावल के लिए चार दिन सफर करते हैं ग्रामीण
भोपालपटनम। बीजापुर जिले के भोपालपटनम ब्लॉक के सेंड्रा पंचायत के तीन सौ से अधिक परिवारों के लोग 35 किलो चावल के लिए चार दिन का सफर तय कर रहे हैं। दो अन्य पंचायतों के लोगों का भी यही हाल है। 2005 में सलवा जुडूम शुरू होने के बाद भोपालपटनम ब्लॉक के तीन पंचायतों सेंड्रा, बड़ेकाकलेड व एड़ापल्ली के सरकारी राशन दुकानों को ब्लॉक मुख्यालय में शिफ्ट किया गया था। इन तीन...
More »मजदूरी का पहिया -- जयराम शुक्ल
कुछ दिन पहले अपने मध्यप्रदेश के ओरछा से जाते हुए पन्ना से गुजरना हुआ। रास्ते में सामने से आती हुई एक के बाद एक बसों को देखकर चौंका। चौंकने की वजह थी, किसी में गुनौर से गुड़गांव तो किसी में पवई से रोहतक लिखा था। कई और बसों से भी वास्ता पड़ा, जिनमें हरियाणा और पंजाब के शहरों के नाम लिखे थे। पहले तो खयाल आया कि संभव है ये...
More »देश में गैरबराबरी और भूख -- डॉ अनुज लुगुन
कुछ ही दिन पहले झारखंड के सिमडेगा जिले में संतोषी नाम की बच्ची की भूख से हुई मृत्यु कई बड़े-बड़े राजनीतिक दावों को झुठलाती है. हालांकि, मलेरिया और भूख के कारणों के बीच ही पूरा मुद्दा केंद्रित हो गया. लेकिन, यह बदलते समय में बुनियादी जरूरतों की पहुंच व उपलब्धता पर एक बड़ा सवाल है. सिमडेगा झारखंड के दक्षिणी हिस्से में उड़ीसा और छत्तीसगढ़ की सीमा पर जंगलों से...
More »ताजा भूख सूचकांक में भारत-- सुभाष गताड़े
आज वर्ल्ड फुड डे (विश्व अन्न दिवस) है, जिसके जरिये भूख के खिलाफ मानवता के संघर्ष के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी जानी है. इस दिवस पर भारत में भी सरकारी स्तर पर आयोजन होते हैं. विडंबना ही है कि भारत में बढ़ती भूख के ताजा आंकड़े इस पूरी आपाधापी में कुछ बेसुरे ही मालूम होंगे. क्योंकि, हाल में दो अलग-अलग रिपोर्टों ने भारत में विकराल होती भूख की समस्या पर...
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