इसी 17 जनवरी को रोहित वेमुला के हमारी दुनिया से विदा हुए एक साल पूरे हो जायेंगे. हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के प्रतिभाशाली शोधछात्र ने अपनी आत्महत्या, जो वस्तुतः किसी हत्या से भी ज्यादा नृशंस थी, से ऐन पहले एक मार्मिक पत्र लिखा. रोहित ने कहा था- ‘मैं हमेशा एक लेखक बनना चाहता था. विज्ञान पर लिखनेवाला, कार्ल सगान की तरह. लेकिन, अंत मे मैं सिर्फ यह पत्र लिख पा रहा...
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जल्द ही खुले में शौच की समस्या से मुक्त होगी दिल्ली
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली को खुले में शौच की समस्या से आगामी एक दो महीनों में निजात दिला देने का दावा किया है। केजरीवाल ने मंगलवार को कालकाजी स्थित शौचालय परिसर का उद्घाटन करते हुए कहा कि कैरोसीन मुक्त हो चुकी दिल्ली को अब खुले में शौच की समस्या से भी मुक्ति मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए दिल्ली में 14-15 हजार शौचालयों की जरूरत है। आप सरकार...
More »अब खेल हो खुला फर्रुखाबादी - मृणाल पांडे
पिछले महीने से सरकार कभी अच्छे दिनों के पुराने सपने जगाती है, कभी देशभक्ति की दुहाई दे जनता से नोटबंदी के इन बुरे दिनों को झेल ले जाने का अनुरोध करती है। फिर भी जब खराब खबरें आना बंद नहीं होतीं, तो वह पटरी बदल लेती है। उत्तर प्रदेश, पंजाब चुनावों की जनसभाओं में अब लुटियन की सरकारी दिल्ली को, पूर्व कांग्रेसनीत सरकार और उसके करीबी मीडिया को, और अंत...
More »उम्मीद जगाती है पर्यावरण संरक्षण की यह सतर्कता
अब जब साल खत्म होने को है, सामान्य सी बात है कि हम अतीत पर नजर डालें, सोचें कि क्या अच्छा हुआ, क्या नहीं। बेहतर तो यही होगा कि हम यह देखें कि पर्यावरण और हमारी प्रकृति की रक्षा के लिए क्या पहल हुई? पर्यावरण सूचकांक भले ही मंदा दिखे, लेकिन इस एक साल में कुछ ऐसा भी हुआ, जो उम्मीद जगाता है। यह उदाहरण उत्साहित करने वाला है- अमेरिकी मूल...
More »आज तो आजिज हैं सब गरीब! - मृण्ााल पांडे
दु:ख, असहायता और राज-समाज के उत्पीड़न से भारतीय गरीबों का इतनी सदियों से रिश्ता रहा है कि वे अक्सर उसे खामोशी से सहते रहते हैं। पर हमारे यहां जनता की अनसुनी मूक व्यथा को स्वर देने वाले जनकवियों की वाल्मीकि से लेकर बाबा नागार्जुन तक एक लंबी परंपरा भी है, जिसमें नज़ीर अकबराबादी भी आते हैं। मध्यकाल में जब दिल्ली की बादशाहत उजड़ रही थी और जनता जाट, रुहेले, मराठा...
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