सामाजिक अधिकारिता के कानूनों के होने भर से किसी समुदाय के सशक्तीकरण की गारंटी होती तो राजस्थान का आदिवासी समुदाय ना तो शिक्षा के बुनियादी अधिकार से वंचित रहता और ना ही अपनी जीविका के जरुरी साधन जमीन से। मिसाल के लिए इन तथ्यों पर गौर करें।राजस्थान की कुल आबादी में आदिवासी समुदाय की तादाद १२.४४ फीसदी है और साक्षरता-दर है ४४.७ फीसदी जबकि सूबे की औसत साक्षरता दर इससे कहीं ज्यादा ऊंची(६१.०३ फीसदी) है। क्या शिक्षा...
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दयनीय दशा में बच्चे- स्टेट ऑव द वर्ल्ड चिल्ड्रेन 2011
अगर जानना चाहें कि कोई देश प्रगति के किस मुकाम तक पहुंचा है तो पैमाना बनाइए उस परिवेश को जिसमें वहां बच्चे बड़े हो रहे हैं। परिवेश कुपोषण, भुखमरी, अस्वास्थ्यकर अड़ोस-पड़ोस और जबरिया बाल-मजदूरी का हो तो देश को प्रगति के क्रम में बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है।द स्टेट ऑव वर्ल्ड चिल्ड्रेन रिपोर्ट के तथ्यों से पता चलता है कि विश्व के भावी नागरिकों के हक में बड़ा कम निवेश किया जा रहा है।...
More »सरकार ने माना 89 किसानों ने की 3 माह में खुदकुशी
भोपाल. किसानों की आत्महत्याओं की हकीकत छुपाने के तमाम प्रयास करती रही सरकार ने मंगलवार को यह माना कि तीन महीने में प्रदेश में 89 किसानों और 47 खेतिहर मजदूरों ने आत्महत्या की है। चौंकाने वाली जानकारी यह भी है कि इस अर्से में प्रदेश में कुल आत्महत्याओं का आंकड़ा 1350 तक जा पहुंचा,जबकि 58 लोगों ने खुदकुशी के प्रयास किए। मंगलवार को कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत के प्रoA के लिखित उत्तर में...
More »7.16 लाख बेटियों को नसीब नहीं शिक्षा
जयपुर. राजस्थान में 6 से 14 साल की 7.16 लाख बेटियों को प्राथमिक शिक्षा नसीब नहीं हो पा रही। इनमें 4.14 लाख बच्चियां तो एक बार भी स्कूल नहीं गईं, जबकि 3,02479 बच्चियां पढ़ाई छोड़कर मजदूरी सहित अन्य काम करने को मजबूर हैं। प्रारंभिक शिक्षा परिषद के चाइल्ड ट्रेकिंग सर्वे (सीटीएस) की इसी सप्ताह जारी रिपोर्ट ने राज्य में बेहतर शिक्षा के दावों पर सवालिया निशान लगा दिए हैं। शिक्षाविदों ने बेटियों...
More »ग्रामीण गरीबी रिपोर्ट 2011
जब कभी दुनिया की गरीबी पर कोई रिपोर्ट जारी होती है, तो उसमें दक्षिण एशिया- उसमें भी खासकर भारत सबसे बदहाल दिखता है। हमारे यहां न सिर्फ सबसे ज्यादा संख्या में कम वजन (अंडरवेट) के बच्चे हैं, बल्कि प्रसूति के दौरान माताओं की मृत्यु की दर भी बेहद ऊंची है। भारत में ही सबसे ज्यादा ऐसे बच्चे हैं, जो स्कूल नहीं जाते और विश्व कुपोषण सारणी में भी भारत का...
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