एक्सपोर्ट बढ़ने की संभावना के चलते कॉटन की कीमतों में तेजी की उम्मीद है। जानकारों के मुताबिक एमसीएक्स पर कॉटन 20,000 से 20,500 के स्तर पर कारोबार करता नजर आ सकता है। फिलहाल जून वायदा 19,910 रुपए प्रति बेल्स पर कारोबार कर रहा है। वहीं एमसीडीईएक्स पर कपास वायदा 956 रुपए प्रति 10 किलो के स्तर पर है। साथ ही मानसून कमजोर होने से भी कीमतों को सपोर्ट मिल रहा...
More »SEARCH RESULT
तोडऩे होंगे जी एम फसलों पर पूर्वाग्रह - डा. एन सीताराम
कृषि जगत : दुनिया भर में 1996 से 2013 के बीच बायोटेक फसलों की खेती में हुई है सौ गुना बढ़ोतरी वर्ष 2013 की शुरूआत में जी एम फसलों के महत्व को लेकर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सार्वजनिक तौर पर अपने विचार देश के सामने रखे थे। कुछ उसी तरह वर्ष 2014 की शुरूआत भी एग्रीबायोटेक उद्योग के लिए खुशनुमा है। हमारे तमाम वैज्ञानिक प्रधानमंत्री के स्पष्ट वक्तव्य से उत्साहित हैं। अनुवांशिक...
More »किसानों की मंशा भांपकर महकमे ने बढ़ा दिया लक्ष्य
नरसिंहपुर। प्रशासनिक भर्राशाही के कारण सोया में क्षति के बाद भी राहत से वंचित जिले के किसानों को इस बार सोया बीज देने कृषि विभाग के पास भी कोई जुगाड़ नहीं हैं। जिला प्रशासन ने सोया में आपदा के कारण हुई भारी क्षति के बाद भी शासन को जो रपट भेजी थी उसमें 0 से 24 प्रश नुकसान बताया था। बीज की कमी छुपाने अब कृषि विभाग किसानों को धान...
More »किसानों की तकदीर बदलने वाले धान पर अनुदान बंद- अनंगपाल दीक्षित
अविभाजित सरगुजा जिले में विगत 10 वर्षों से सर्वाधिक उत्पादन देने वाली धान की प्रमुख किस्मों पर बीज अनुदान बंद कर दिया गया है। इस वर्ष सरगुजा क्षेत्र में एकमात्र धान की किस्म पर बीज अनुदान मिलेगा। यह किस्म भी सरगुजा के किसान काफी कम उपयोग में लाते हैं। हर वर्ष लगभग साढ़े तीन सौ से अधिक किसानों का चयन कर उनके खेतों में धान-बीज तैयार कराया जाता है जिससे...
More »मॉनसून साथ न दे, तो भी अच्छी खेती करें- डा. प्रवीण कुमार द्विवेदी
झारखंड और बिहार में मॉनसून की आंखमिचौली एक तरह से स्थायी समस्या बन गयी है. इन परिस्थितियों में फसलों की बरबादी और कम उत्पादन की आशंकाएं रहती हैं. इस विषम परिस्थिति से निबटने का सही तरीका कुशल प्रबंधन है. यह प्रबंधन किसानों को करना है. इस बार मौसम पूर्वानुमान में मॉनसून का ज्यादा साथ देने की संभवना कम व्यक्त की गयी है. ऐसे में किसान संयम, समझ और जागरूकता से काम...
More »