गरीबी: सभ्य समाज के इस सबसे बड़े अभिशाप को राष्ट्रपिता गांधी जी ने हिंसा का सबसे खराब रूप कहा। करेला उस पर नीम चढ़ा कि स्थिति यह कि गरीबों को 'गरीब' न मानना। हमारे हुक्मरानों ने गरीबों की नई परिभाषा गढ़ी है। अगर आप शहर में रहकर 32 रुपये और गांव में रहकर 26 रुपये प्रतिदिन से अधिक खर्च कर रहे हैं तो आप गरीब नहीं है। खुद को गरीब मानते...
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गोदान : किसान की शोकगाथा--- . गोपाल प्रधान
‘गोदान’ के प्रकाशन के 75 साल पूरे हो गए हैं लेकिन भारत का देहाती जीवन आज भी लगभग उन्हीं समस्याओं और चुनौतियों से घिरा दिखता है जिनका वर्णन मुंशी प्रेमचंद के इस कालजयी उपन्यास में हुआ है. गोपाल प्रधान का आलेख सन 1935 में लिखे होने के बावजूद प्रेमचंद के उपन्यास 'गोदान' को पढ़ते हुए आज भी लगता है जैसे इसी समय के ग्रामीण जीवन की कथा सुन रहे हों....
More »नोएडा एक्सटेंशन में दिन भर रहा टेंशन
ग्रेटर नोएडा। नोएडा एक्सटेंशन और भूमि अधिग्रहण मामले में रविवार का दिन आंदोलन के नाम रहा। इस दिन निवेशक से लेकर किसान व विभिन्न परियोजना में काम कर रहे ठेकेदार और मजदूरों ने अपने हक के लिए प्रदर्शन किया। इधर, किसानों ने नोएडा व ग्रेटर नोएडा में दो जगह पर महापंचायत कर आगे की रणनीति तैयार की। महापंचायत में लिए गए निर्णयों से साफ है कि आने वाला समय नोएडा एक्सटेंशन...
More »चाल गिरने से दो मजदूरों की मौत
पाथरडीह/भौंरा : बीसीसीएल के पूर्वी झरिया क्षेत्र की पाथरडीह कोलियरी की छह नंबर खदान में शनिवार को रात्रि पाली में चाल गिरने से सुधीर बाउरी और शंकर मांझी नामक दो कोयला मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गयी, जबकि एक मजदूर घायल हो गया और शिबू बाउरी नामक श्रमिक बाल-बाल बचा. घायल गाधु सहिस नामक मजदूर का इलाज बीसीसीएल के जगजीवन नगर स्थित सेंट्रल हॉस्पिटल में चल रहा है. रविवार...
More »सरकारी यानी घटिया!- विनोद वर्मा(बीबीसी)
तमिलनाडु के एक पिछड़े ज़िले इरोड के ज़िलाधीश यानी कलेक्टर डॉ आर आनंदकुमार ने अपनी छह साल की बेटी को एक सरकारी स्कूल में भर्ती करवाया है. जब वे इस स्कूल में अपनी बच्ची के दाखिले के लिए पहुँचे तो दूसरे माँ-बाप की तरह कतार में खड़े हुए. दिल्ली के एक अख़बार में इस ख़बर का प्रकाशित होना ही साबित करता है कि यह कुछ असामान्य सी बात है. यक़ीनन ज़िलाधीश को उनके...
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