ये सड़क सरकार ने नहीं बनाई है, न ही किसी एनजीओ ने। करीब आधा किलोमीटर लंबी सड़क रेत-मिट्टी के गारे से बनी भले ही लगे, लेकिन हकीकत में ये सड़क 'अन्नदाता' की खुद की रकम, खून-पसीने और हाड़-तोड़ मेहनत से बनी है। डेढ़ किलोमीटर का काम अब भी बाकी है, इसलिए माटी के लाल जी जान से इस सड़क को पूरा करने में लगे हैं। ये दरअसल, एक सड़क नहीं,...
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समझ, संकल्प और इच्छाशक्ति का अकाल : योगेन्द्र यादव
वो गांव गये थे..दावा है कि गांव-गांव यात्रा किये हैं..खेत-खेत, आरी-डरेड़ा सब जगह घूमें। उन्हें ऐसा इसलिए करना पड़ा क्योंकि देश सूखे से बेहाल और सरकार दो साल के जश्न में निहाल है। उनका दावा है कि अभी दिल दिमाग जाग्रत है माने नहीं सूखा..भले ही खेत सूख गये हों..किसान बदहाल हो..आत्महत्या कर रहा हो। जी हां मैं बात कर रहा हूं स्वराज अभियान के योगेंद्र यादव और उनके साथियों की...
More »प्याज की भंडारण क्षमता बढ़ाएगी सरकार
प्याज की बर्बादी को कम करने के लिए सरकार ने तीन विभिन्न राज्यों में इस सब्जी के भंडारण क्षमता में 56,800 टन की वृद्धि करने का फैसला किया है। कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव शकील अहमद ने यहां संवाददताओं से कहा- सरकार ने महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और ओड़िशा में प्याज के भंडारण क्षमता का विस्तार करने का फैसला किया है ताकि इस महत्त्वपूर्ण सब्जी की बर्बादी न हो। उन्होंने कहा...
More »एक टन प्याज बेचकर किसान ने कमाया एक रुपया
पुणे : प्याज की गिरती कीमतों से परेशान एक किसान ने यहां अपनी व्यथा सुनाते हुये कहा है कि जिला कृषि उत्पाद विपणन समिति (एपीएमसी) में लगभग एक टन प्याज बेचकर वह केवल एक रुपया ही कमा सका है. देवीदास परभाने (48) नाम के इस किसान का कहना है कि प्याज की कीमतों में गिरावट का असर उस जैसे कई किसानों पर पहले ही दिख रहा है. अन्य किसानों ने...
More »सब्जियों का न्यूनतम समर्थन मूल्य न होना किसानों के लिए है मुसीबत
सियासी उठापटक का प्रतीक बन चुका प्याज का अधिक उत्पादन अब किसानों को रुला रहा है। महाराष्ट्र में प्याज के किसानों का दर्द एक बार फिर उजागर है। हालांकि, उत्तर प्रदेश के फुटकर बाजार में यह अब भी 14 रुपये किलो बिक रहा है। यही स्थिति आलू और टमाटर को लेकर भी है। पिछले साल प्रदेश में आलू का बंपर उत्पादन हुआ। नतीजा यह रहा कि लागत नहीं मिलने की वजह...
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