डाउन टू अर्थ, 11 नवम्बर भारत द्वारा राष्ट्रीय निर्धारित योगदान यानी एनडीसी में जो अपडेट किए हैं वो केवल कागजी शेर हैं। बल्कि वो पिछली प्रतिबद्धता की तुलना में उत्सर्जन को कम करने के लिए कहीं ज्यादा नाकाफी हैं। यह जानकारी जलवायु परिवर्तन पर मिस्र के शर्म अल-शेख में चल रहे संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन के 27वें सम्मेलन (कॉप 27) में जारी एक रिपोर्ट में सामने आई है। इस बारे में क्लाइमेट एक्शन...
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क्या है जीएम सरसों? इसके खिलाफ क्यों उठ रहे हैं विरोध के सुर?
गाँव सवेरा, 11 नवम्बर पर्यावरण मंत्रालय के जेनेटिक इंजीनियरिंग अप्रेजल कमेटी की ओर से जीएम सरसों के उत्पादन की मंजूरी मिलने के बाद इसका विरोध होना शुरू हो गया है। यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है. याचिकाकर्ताओं का कहना है कि इससे देश की जैव विविधता को खतरा हो सकता है। फिलहाल इस मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। इस मामले को लेकर 10...
More »कॉप 27: दुनिया को 2040 तक शून्य फीसदी प्लास्टिक कचरे के लक्ष्य की है जरूरत
डाउन टू अर्थ, 11 नवम्बर प्लास्टिक उत्पादन और उसके बाद इससे होने वाला प्रदूषण जलवायु में बदलाव और जैव विविधता के नुकसान के लिए जिम्मेवार है। प्लास्टिक इस सप्ताह मिस्र में कॉप 27 में मुख्य चर्चा का विषय रहा। प्लास्टिक प्रदूषण को खत्म करने के लिए अपनी आगामी वैश्विक संधि में संयुक्त राष्ट्र से 2040 तक एक साहसिक संकल्प करने और नए प्लास्टिक प्रदूषण को शून्य पर लाने का लक्ष्य निर्धारित करने...
More »बढ़ते वायु प्रदूषण के बीच तकनीकी विशेषज्ञों की कमी से जूझते प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
न्यूज़लॉन्ड्री, 10 नवम्बर इस साल एक नवम्बर को देश की राजधानी दिल्ली पूरी तरह से प्रदूषित जहरीली हवा के चंगुल में दिखी. इस दिन इस साल के वायु प्रदूषण के सारे रिकॉर्ड टूट गए जब शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 424 (बहुत खराब) तक जा पहुंचा. यह दिल्ली या उत्तर भारत के कई राज्यों के लिए सर्दियों में आम बात है. सर्दियों में इस तरह के वायु प्रदूषण से जूझने...
More »कॉप-27: जलवायु परिवर्तन से बढ़ेंगी बीमारियां, हर साल 2.50 लाख अतिरिक्त मौतों के आसार
डाउन टू अर्थ, 10 नवम्बर कॉप 27 जलवायु वार्ता में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चेतावनी देते हुए कहा है कि जलवायु संकट से लोग बीमार हो रहे हैं और यह जीवन को खतरे में डाल रहा है। इन महत्वपूर्ण वार्ताओं में स्वास्थ्य चर्चा के केंद्र में होना चाहिए। डब्ल्यूएचओ का मानना है कि सम्मेलन को जलवायु संकट से निपटने के लिए शमन, अनुकूलन, वित्तपोषण और सहयोग के चार प्रमुख लक्ष्यों के...
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