तारीखें कैलेंडर में टंगी चुप्पी साधी चीज नहीं होती हैं, यह तो इतिहास के सबल साजो-सामान और विचार को हमारी आंखों के आगे चस्पा कर उस भार का एहसास दिलाती रहती हैं, जो पूर्वजों के कंधों से होकर हमारे वर्तमान में प्रवेश कर जाती हैं. फर्क इस बात का पड़ता है कि हम यूं ही कैलेंडर के पन्ने पलट देते हैं या उसे पढ़ पाते हैं. ऐसे ही 08 मार्च,...
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महिला खेतिहरों के श्रम का अवमूल्यन क्यों-- ऋतु सारस्वत
हाल ही में जारी आर्थिक समीक्षा दो महत्त्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान खींचती है। एक यह कि कामकाजी महिलाओं की संख्या में गिरावट आई है। वर्ष 2005-06 में रोजगार में आ रही महिलाओं का प्रतिशत 36 था, जो कि कम होकर 2015-16 में 24 प्रतिशत रह गया है। दूसरा यह कि खेती, बागवानी, मत्स्य-पालन, सामाजिकी वानिकी में महिलाओं की महत्त्वपूर्ण भूमिका होने पर भी, उन्हें लंबे समय से उचित महत्त्व नहीं...
More »अपनी जड़ों को खोजते वे भारतवंशी- बद्री नारायण
हिंदी पट्टी ने ब्रिटिश उपनिवेश काल में अनेक मुसीबतें झेलीं। इनकी दो मुसीबतें अत्यंत महत्वपूर्ण रही हैं, जिन्होंने मिलकर हिंदी क्षेत्र का वर्तमान रचा है। एक तो 1857 का विद्रोह, दूसरा गिरमिटिया विस्थापन, जिसे प्रवास, उत्प्रवास कुछ भी कहा जा सकता है। भोजपुरी के प्रसिद्ध नाटककार भिखारी ठाकुर ने इसे बिदेसिया हो जाना भी कहा है। 19वीं सदी में दास प्रथा की समाप्ति के बाद दुनिया में आक्रामक रूप से...
More »राज्य में बनेगा किसान कल्याण प्राधिकरण
हरियाणा सरकार ने किसानों की भलाई के लिए हरियाणा किसान कल्याण प्राधिकरण के गठन का ऐलान किया है। यह प्राधिकरण कृषि को लाभकारी बनाने, कृषि की उत्पादकता व किसानों की आय बढ़ाने का काम करेगा। किसानों व भूमिहीन श्रमिकों के भौतिक, वित्तीय एवं मनोवैज्ञानिक दबावों को दूर करेगा। प्राधिकरण के गठन की घोषणा मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मंगलवार को चंडीगढ़ स्थित अपने आवास पर की। ‘एक और सुधार कार्यक्रम' के तहत...
More »2019 तक 77% भारतीयों के पास नहीं होगी अच्छी JOB, बढ़ेगी बेरोजगारी : ILO रिपोर्ट
नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय श्रमिक संगठन की ताजा रिपोर्ट में चौंकाने वाला दावा किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2017 से 2019 के दौरान भारत में नौकरियों पर संकट होगा। ऐसा नहीं है कि इस अवधि में नौकरियां नहीं होंगी, लेकिन इनका स्तर ठीक नहीं होगा। संगठन ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि भारत सहित एशिया के देशों में दो से ढाई करोड़ के बीच नौकरियों का...
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