यह उन लोगों की कहानियां हैं, जो आजादी, इंसाफ और शांति के साथ जीना चाहते हैं. अपने गांव में खेतों में उगती हुई फसल, अपने जानवरों, अपनी छोटी-सी दुकान और अपने छोटे-से परिवार के साथ एक खुशहाल जिंदगी चाहते हैं. लेकिन यह चाहना एक अपराध है. अमेरिका, दिल्ली और रांची में बैठे हुक्मरानों ने इसे संविधान, जनतंत्र और विकास के खिलाफ एक अपराध घोषित कर रखा है. उनकी फौजें गांवों...
More »SEARCH RESULT
एक घूंट पानी की चाह में चली गई महिला की जान
अपनी आर्थिक ताकत से दुनियाभर को हैरत में डालने वाले भारत में आज भी एक तबका ऐसा है जिसे पेयजल की कमी के कारण अपनी जान गंवानी पड़ती है। ताजा मामला मुंबई से सटे ठाणे जिले का है। यहां के एक आदिवासी इलाके में पानी की भारी कमी से 37 वर्षीय एक आदिवासी महिला की मौत हो गई। पानी के लिए खाती रही दर-दर की ठोकर श्रमजीवी संगठन के प्रमुख और वसई...
More »छुआछूत अब भी जारी है....
अनदेखी और उपेक्षा के बीच छुआछूत का बरताव जारी है और देश में अस्पृश्यता की समस्या मौजूद है। यह लाखों लोगों के लिए उम्र भर दुःख और अपमान के बीच रहने और जीने का मामला है। इसकी कल्पना बरतर सामाजिक हालातों में जीने वाले नहीं कर सकते लेकिन जैसा कि गुजरे 14 अप्रैल, 2012 से शुरु हुए अनुच्छेद 17 अभियान के अंतर्गत इंडिया अनहर्ड द्वारा जारी 22 छोटे और आसानी...
More »सरपंच की दबंगई, सड़क पर आया परिवार
बिलासपुर. रतनपुर के दोनासागर निवासी एक परिवार ने सरपंच व कुछ महिलाओं के खिलाफ कलेक्टर से शिकायत की है। परिवार के लोगों ने आरोप लगाया है कि सरपंच ने बिना जानकारी दिए घर तोड़ दिया है। इससे परिवार सड़क पर आ गया है। उन्होंने एसपी से आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। रतनपुर के दोना सागर मोहदा में गंगाबाई गोड़ पति बीरबल गोड़ का घर है। गंगाबाई के दो बच्चे हैं, जिसमें...
More »आदिवासी युवतियों में बढ़ी स्वरोजगार की ललक- संजय सिंह
झारखंड के खांटी आदिवासी गांवों में आदिवासी महिलाओं में स्वरोजगार के प्रति जागरूकता आई है. वे ‘स्वयं सहायता समूह’ बनाकर अपने छोटे-छोटे खेतों में गेंदा के फूल और आलू इत्यादि की खेती कर जीविकोपार्जन कर रही हैं. इस कार्य में ग्राम पंचायतें प्रखंड मुख्यालयों के मार्फत उनका सहयोग कर रही हैं. राज्य में पिछले साल सम्पन्न पंचायत चुनावों के बाद झारखंड के नक्सल प्रभावित कुछ गांवों में, खासकर आदिवासी गांवों की महिलाओं...
More »