नई दिल्ली: सूचना का अधिकार (आरटीआई) आवेदन के जरिए खुलासा हुआ है कि मार्च 2018 से 24 जनवरी 2019 के बीच खरीदे गए कुल इलेक्टोरल बॉन्ड में से 99.8 फीसदी इलेक्टोरल बॉन्ड 10 लाख और एक करोड़ रुपये के थे. सामाजिक कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ द्वारा दायर किए गए आरटीआई से पता चला है कि इस बीच कुल 1,407.09 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे गए थे जिसमें से 1,403.90 करोड़ रुपये के...
More »SEARCH RESULT
जमैका के सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस चंद्रचूड़ के फैसले के ज़रिये आधार जैसी योजना को ख़ारिज किया
जमैका की सुप्रीम कोर्ट ने भारत के आधार जैसे ही ‘राष्ट्रीय पहचान और पंजीकरण अधिनियम' को गैर कानूनी करार देते हुए इसे खारिज कर दिया. खास बात ये है कि जमैका की कोर्ट ने इस फैसले में आधार मामले में सुप्रीम कोर्ट जज जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ द्वारा दिए गए डिसेंट (विरोध में दिया गया निर्णय) फैसले को उल्लेख किया है. मालूम हो कि 26 सितंबर 2018 को भारत के सुप्रीम कोर्ट...
More »सरकारी स्कूल फेल नहीं हुए, इन्हें चलाने वाली सरकारें फेल हुई हैं- जावेद अनीस
शिक्षा का अधिकार क़ानून (आरटीई) लागू हुए 9 साल पूरे हो चुके हैं लेकिन आज की स्थिति में 90 फीसदी से अधिक स्कूल आरटीई के मानकों पर खरे नहीं उतरते हैं. इस दौरान सरकारी स्कूलों की स्थिति और छवि दोनों ख़राब होती गई है. इसके बरक्स निजी संस्थान लगातार फले-फूले हैं. इससे पता चलता है कि क़ानून होने के बावजूद भी सरकारें इसकी ज़िम्मेदारी उठा पाने में नकारा साबित हुई हैं....
More »हमारा बस चले तो ऐसा राजद्रोह क़ानून बनाएंगे कि लोगों की रूह कांप उठे: राजनाथ सिंह
नई दिल्ली: केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस पर लोकसभा चुनाव के बाद सत्ता में आने पर राजद्रोह कानून रद्द करने के उसके वादे को लेकर हमला बोलते हुए शुक्रवार को कहा कि भाजपा सरकार राजद्रोह कानून को और अधिक सख्त बनाएगी. राजनाथ सिंह गुजरात में कच्छ जिले के गांधीधाम शहर में एक जनसभा में बोल रहे थे. उन्होंने सवाल किया, ‘कांग्रेस कह रही है कि वे राजद्रोह कानून को रद्द कर...
More »चुनावी हंगामे में रोजगार का मसला- हरजिंदर
इस बार आम चुनाव के दो थीम सॉन्ग हैं- रोजगार और कैश ट्रांसफर। ये दोनों गरीबी हटाने के सपने का हिस्सा हैं। कैश ट्रांसफर के सारे वादे सीधे और स्पष्ट हैं, जो छह हजार रुपये सालाना से शुरू होकर 72 हजार रुपये तक जाते हैं, साथ में कुछ पेंशन योजनाएं वगैरह भी हैं। लेकिन रोजगार के बारे में इतनी स्पष्ट बात नहीं की जा रही। पिछली बार भारतीय जनता पार्टी...
More »