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आशा कार्यकर्ताओं को तीन हजार रूपये मानदेय देने की लोस में उठी मांग

नयी दिल्ली, 15 मार्च (एजेंसी) लोकसभा में आशा कार्यकर्ताओं की आर्थिक बदहाली का मामला उठा और सरकार से उन्हें प्रतिमाह कम से कम तीन हजार रूपये मानदेय दिये जाने की मांग की गई। जनता दल यूनाइटेड के जगदीश शर्मा ने शून्यकाल के दौरान यह मामला उठाते हुए कहा कि देश में लाखों आशा कार्यकर्ता बहाल हैं जो केन््रद सरकार के विभिन्न कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में योगदान देती हैं। इनमें ज्यादातर...

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कम होती बच्चियां- मधु पूर्णिमा किश्वर

लगातार गिरता बाल लिंग अनुपात, खासकर छह साल की उम्र में प्रति 1,000 बालकों की तुलना में गिरती बालिकाओं की संख्या, इसका सुबूत है कि हमारे देश में गर्भस्थ शिशु का लिंग पता करने की दुष्प्रवृत्ति को रोकने से संबंधितकानून कितना लचर है। छह साल तक के आयु वर्ग में बालिकाओं का घटता अनुपात दरअसल कन्या भ्रूणहत्या का नतीजा है, जो गर्भस्थ शिशु के लिंग की जांच का परिणाम है।...

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बजट सत्र : प्रसूताओं की मौत पर पिछली बार रोया, इस बार फिर उठेगा मामला!

जोधपुर.संक्रमित ग्लूकोज चढ़ाने से शहर के उम्मेद अस्पताल में एक साल पहले हुई 16 प्रसूताओं की मौत का मामला इस बार भी विधानसभा के बजट सत्र में उठेगा। पिछली बार इस मामले पर विधानसभा में हंगामा हुआ था, जबकि इस बार जांच रिपोर्टो में सभी आरोपियों को निदरेष साबित करने पर सरकार से जवाब मांगा जाएगा। सूरसागर विधायक सूर्यकांता व्यास ने सरकार की नीयत पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि...

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दलितों का दर्द- श्योराजसिंह बेचैन

उत्तर प्रदेश में दलित उत्पीड़न की घटनाएं चर्चा का विषय हैं। बहन मायावती के मुख्यमंत्री काल में इन घटनाओं का होना ज्यादा चिंताजनक है। राहुल गांधी का कहना है कि कांग्रेस के सत्ता में आने पर दलित समस्या का समाधान हो जाएगा। सपा और भाजपा भी दलित समुदाय की बेहतरी के लिए अपनी-अपनी पार्टी का सत्ता में आना जरूरी बता रहे हैं। पर जनता क्या करे? इनमें से कौन-सी पार्टी...

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सत्ता में दलित- श्योराज सिंह बेचैन

Dalits pain मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में जब जातियों के आधार पर राजनीतिक गोलबंदी तेज हो गई है, सही मायने में कांशीराम ही अकेले ऐसे नेता थे जिन्होंने व्यवस्था बदलने के लिए जाति के समाप्त होने का इंतजार नहीं किया था। उन्होंने जातियों, उप-जातियों में सहअस्तित्व और आत्मसम्मान की भावना जगाकर उन्हें सत्ता में हिस्सेदारी की महत्वाकांक्षा के साथ संगठित किया। समकालीन राजनीति में उनके इस योगदान ने न केवल हाशिये पर...

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