घाटशिला [पूर्वी सिंहभूम] नक्सली हिंसा से सर्वाधिक प्रभावित घाटशिला में चारों तरफ दहशत है। यहा चप्पे -चप्पे पर अर्द्वसैनिक बल के जवानों की आहट सुनने को मिल रही है, लेकिन इसी दहशतजदा माहौल के बीच एक शख्स ऐसा भी है जो दर-दर की खाक छानते हुए मानवता की अलख जगा रहा है। पिता से महज तीन रुपये नहीं मिल पाने के कारण स्कूल की पढ़ाई छोड़ देने वाले 46 वर्षीय काठा सिंह, घाटशिला से...
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हर तीसरे दिन रेप चौथे दिन मर्डर
बिलासपुर. महिला उत्पीड़न रोकने के तमाम दावे खोखले नजर आते हैं, जब ऐसे मामलों का आंकड़ा सामने आता है। जिले में महिला प्रताड़ना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। 2008 से अब जिले के विभिन्न थानों में महिलाओं से संबंधित करीब 1609 मामले दर्ज किए गए हैं। पुलिस सहित महिला उत्पीड़न निवारण समिति को इन पर अपराध रोकने की जिम्मेदारी है, पर दोनों असरहीन रहे हैं। अधिकांश मामले तो महिला थाने तक पहुंच ही नहीं...
More »हलक ही नहीं, पेट पर भी आफत
मुजफ्फरपुर। अप्रैल की शुरुआती गर्मी ने मनुष्य व जानवरों के हलक ही नहीं पेट पर भी आफत ला दी है। पिछले साल आए सूखे के कारण इस साल जिले के ताल-तलैया सूख गए। सरैया प्रखंड की हालत तो यह है कि जलसंकट के कारण अब धोबी कपड़ा नहीं धो पा रहे और इनपर रोटी का संकट है। गंडक नहर भी पांच माह से सूखी है। दियारा क्षेत्र में वन्य प्राणी प्यास से तड़प रहे हैं।...
More »कुपोषण ने लील लिए 43 नौनिहाल
झाबुआ। झाबुआ के आधा दर्जन गांवों में कुपोषण व बीमारियों से तीन माह में हुई 43 बच्चों की मौत ने झाबुआ से लेकर दिल्ली तक कोहराम मचा दिया है। प्रशासन व प्रदेश सरकार जहां इन मौतों से पल्ला झाड़ एक सिरे से नकार रही है। वहीं यह मामला यूनिसेफ व संयुक्त राष्ट्र संघ में गूंजने से केन्द्र सरकार भी सतर्क हो गई है। यही कारण है कि आनन-फानन में केंद्रीय महिला बाल विकास मंत्री कृष्णा...
More »सपना हो जाएगी महुए की डोभरी !
बांदा। महुआ के फूल से बनी 'डोभरी' जंगल में बसे जनजातियों के लिए अब सपना हो जाएगी। 'डोभरी' जनजातियों के जीवन का एक प्रमुख सहारा रहा है। कोलुहा जंगल में पीढि़यों से बसे जनजातियों को अब भूखे पेट रात बितानी होगी। वन संपदा पर दबंगों की हुकूमत व सूखे की मार से मुंह का निवाला छिन गया है। उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के फतेहगंज क्षेत्र के कोलुहा जंगल में पीढि़यों से बसे जनजातीय...
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