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किसान महापंचायत को मिला जनसमर्थन

पटना विभिन्न दलों से जुड़े नेताओं ने किसान महापंचायत को जनसमर्थन मिलने का दावा किया है, जबकि जदयू नेताओं ने इसे फ्लाप करार दिया है। पूर्व मंत्री राघवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि किसान महापंचायत किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ शंखनाद है। अब यह स्पष्ट हो गया कि समाज को तोड़ने वालों को जनता बर्दाश्त नहीं करेगी। बिहार यूथ फ्रंट के अध्यक्ष शंकर पटेल और राजद नेता शशि भूषण पांडेय,लोजपा नेता मनोज शुक्ला और जदयू नेता व्यंकटेश...

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जाति आधारित जनगणना के पक्ष में अधिकांश दल

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। आबादी में पिछड़ी जातियों के अनुपात को लेकर कोई ताजा आंकड़ा नहीं होने के बावजूद जनगणना में यह सवाल शामिल करने से इन्कार करना गृह मंत्रालय के लिए भारी पड़ता जा रहा है। गुरुवार को लोकसभा में इस विषय पर चर्चा के दौरान लगभग सभी दलों ने जाति आधारित गणना की वकालत की। यहां तक कि कांग्रेस के भी कुछ सदस्यों ने अन्य पिछड़ा वर्ग के संबंध में आंकड़े जुटाने को बेहद...

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यह शर्मनाक सौदा लोकतंत्र के लिए ख़तरनाक है!- पी साईनाथ

हाल ही में संपन्न हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में पार्टियों और उम्मीदवारों के द्वारा अपने प्रचार के लिए मीडिया में धन का जम कर इस्तेमाल हुआ। अपने किसी भी चुनावी कवरेज के लिए एक उम्मीदवार को धन के इस संगठित खेल का हिस्सा होना पड़ा या कहें तो जबरन मजबूरी में इसका हिस्सा होना पड़ा। क्योंकि ऐसी धन संस्कृति का मीडिया में इस्तेमाल होने लगा है कि पैसा नहीं तो कवरेज भी नहीं। मीडियाई दुनिया...

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अपने देश में कोई मध्यवर्ग ही नहीं!

नई दिल्ली। अपने देश के जिस मध्यवर्ग को केंद्र में रखकर देसी-विदेशी कंपनियां अपने माल की बिक्री की रणनीति बनाती आई हैं, उसका अस्तित्व ही नहीं है। जिस मध्यवर्ग को राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से सबसे ज्यादा संवेदनशील माना जाता है और जो बड़े-बड़े बदलावों का माध्यम बनता रहा है, उसे अपने देश में ढूंढ़ना बेकार है। भारत जैसे विकासशील देशों में मध्यवर्ग के लिए गढ़ी गई नई अंतरराष्ट्रीय परिभाषा के आधार पर यह...

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कहीं विलुप्त ना हो जाए आदिवासी संस्कृति

नई दिल्ली। अरविंद जयतिलक संयुक्त राष्ट्र संघ की द स्टेट आफ द व‌र्ल्ड्स इंडीजीनस पीपुल्स नामक रिपोर्ट में कहा गया है कि मूलवंशी और आदिम जनजातिया पूरे विश्व में अपनी संपदा, संसाधन और जमीन से वंचित व विस्थापित होकर विलुप्त होने के कगार पर हैं। रिपोर्ट में भारत के झारखंड राज्य की चर्चा करते हुए कहा गया है कि यहा चल रहे खनन कार्य के कारण विस्थापित हुए संथाल जनजाति के हजारों परिवारों को आज...

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