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कोरोना वायरस महामारी 2020 के अंत तक 8.6 करोड़ बच्चों को ग़रीबी में धकेल सकती है: रिपोर्ट

-द वायर, कोरोना वायरस महामारी से पैदा हुए आर्थिक संकट के कारण 2020 के अंत तक कम और मध्यम आय वाले देशों में गरीब घरों में रहने वाले बच्चों की संख्या 8.6 करोड़ तक बढ़ सकती है. जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार इस वायरस से पूरी दुनिया में 5,837,541 लोग संक्रमित हुए हैं जबकि 360,919 लोगों की मौत हो चुकी है. यूनिसेफ और मानवतावादी संगठन ‘सेव द चिल्ड्रेन’ के संयुक्त अध्ययन में...

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लाइफ लाइन बनी डेंजर लाइन, श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में 48 घंटे में नौ लोगों की मौत

-न्यूजक्लिक,  ‘देश की लाइफ लाइन’ कहे जानी वाली भारतीय रेल फिलहाल प्रवासी मज़दूरों की सुरक्षित घर वापसी में एक चुनौती बनी हुई है। कभी रास्ता भटक जाना तो कभी यात्रा के दौरान हो रही मौतें लगातार रेल प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े कर रहे हैं। ख़बरों के मुताबिक लगभग 40 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें अपने गंतव्य स्थान की बजाय कहीं और पहुंच गई तो वहीं पिछले 48 घंटों में इन ट्रेनों में...

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पथ का साथी: लौट रहे प्रवासी गांव में क्या करेंगे, मनरेगा कितना देगा साथ?

-डाउन टू अर्थ,  डाउन टू अर्थ हिंदी के रिपोर्टर विवेक मिश्रा 16 मई 2020 से प्रवासी मजदूरों के साथ ही पैदल चल रहे हैं। उन्होंने इस दौरान भयावह हकीकत को जाना और समझा। वे गांव की ओर जा रहे या पहुंच चुके प्रवासियों की पीड़ा जानने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या वे कभी अब शहर की ओर रुख करने की हिम्मत भविष्य में जुटा पाएंगे? उनके इस सफर को...

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कंद फसल आधारित एकीकृत कृषि प्रणाली छोटे अंडमान के आदिवासी किसानों की आय

-फसल क्रांति, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में रहने वाली जनजातियों में एक प्रमुख जनजाति निकोबारीज की आजीविका का मुख्य स्रोत वृक्षारोपण फसलों, मसलन नारियल और मछली पकड़ने पर आधारित है। उनकी खेती के तरीके अन्य कृषक समुदाय से बिल्कुल अलग और अद्वितीय हैं। लोग संयुक्त परिवार प्रणाली में रहते हैं और कंद और अन्य फसलों की खेती के लिए 'ट्यूहेट' बागान प्रणाली (एक संयुक्त परिवार कृषि प्रणाली जहाँ समुदाय के...

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पथ का साथी: लौटते प्रवासियों की दिक्कतें कम करने में जुटे ग्रामीण

-डाउन टू अर्थ, डाउन टू अर्थ हिंदी के रिपोर्टर विवेक मिश्रा 16 मई 2020 से प्रवासी मजदूरों के साथ ही पैदल चल रहे हैं। उन्होंने इस दौरान भयावह हकीकत को जाना और समझा। वे गांव की ओर जा रहे या पहुंच चुके प्रवासियों की पीड़ा जानने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या वे कभी अब शहर की ओर रुख करने की हिम्मत भविष्य में जुटा पाएंगे? उनके इस सफर को...

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