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विद्रोह के केंद्र में दिन और रातें

जाने-माने मानवाधिकार कार्यकर्ता और ईपीडब्ल्यू के सलाहकार संपादक गौतम नवलखा तथा स्वीडिश पत्रकार जॉन मिर्डल कुछ समय पहले भारत में माओवाद के प्रभाव वाले इलाकों में गए थे, जिसके दौरान उन्होंने भाकपा माओवादी के महासचिव गणपति से भी मुलाकात की थी. इस यात्रा से लौटने के बाद गौतम ने यह लंबा आलेख लिखा है, जिसमें वे न सिर्फ ऑपरेशन ग्रीन हंट के निहितार्थों की गहराई से पड़ताल करते हैं, बल्कि माओवादी...

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महाजनों और बहुराष्ट्रीय बीज कंपनियों के खिलाफ अनाज बैंक

आंध्र प्रदेश का एक छोटा सा गांव अब पूरे देश को रास्ता दिखा रहा है। खास बात यह है कि यह ३४ महिला किसानों की एक पहल है। इन किसानों ने एक अनाज बैंक बनाया है, जो अपने-आप में एक अनूठा उदाहरण है। यह पहल यह साबित करती है कि अगर परंपरागत ज्ञान को ठीक से प्रोत्साहित किया जाए, तो उससे गरीब लोगों की आजीविका के लिए टिकाऊ ज़रिए विकसित...

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पोषण चुनौतियों से निपटने की तैयारी तैयारी

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। महिला व बाल विकास मंत्रालय और स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय ने पोषण चुनौतियों से निपटने के लिए एक संयुक्त पत्र तैयार किया है। इसे तैयार करने में राज्यों की भी राय ली गई है। संयुक्त पत्र में तीन साल तक के बच्चों के पोषण पर खास ध्यान देने के साथ इस काम के लिए योजना आयोग में एक पृथक समर्थन इकाई बनाने की अनुशंसा भी...

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सबके लिए नजीर मधुबनी की सुषिता

बेनीपट्टी [मधुबनी, आमोद कुमार झा]। यूं तो आपने बहादुर बच्चों की कहानियां बहुत सुनी होंगी। उनकी तस्वीरें भी देखी होंगी। लेकिन यह कहानी है संघर्ष की। इसकी नायिका है 15 साल की सुषिता। बेनीपट्टी प्रखंड के सोइली गांव की यह लड़की इन दिनों सोसाइटी की नजीर बन गई है। इसकी दास्तां कुछ इस तरह है। पिता की मृत्यु के बाद गरीबी का दंश झेलने को विवश अतिनिर्धन परिवार की सुषिता विगत पांच वर्ष से...

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भुखमरी कैसे खत्म हो - सचिन कुमार जैन

भुखमरी आज के समाज की एक सच्चाई है परन्तु मध्यप्रदेश के सहरिया आदिवासियों के लिये यह सच्चाई एक मिथक से पैदा हुई, जिन्दगी का अंग बनी और आज भी उनके साथ-साथ चलती है भूख. अफसोस इस बात का है कि सरकार अब जी जान से कोशिश में लगी हुई है कि भूखों की संख्या कम हो. वास्तविकता में भले इसके लिये प्रयास न किये जायें लेकिन कागज में तो सरकार...

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