कुछ लोग होते हैं मौसमी शाकाहारी. यानी खास मियाद के लिए वो विशुद्ध शाकाहारी बन जायेंगे. जैसे ही यह खास मियाद पूरी होगी तब शाक‘आहार’ के प्रवर्तक का चोला उतार कर टूट पड़ेंगे मांस–मछली पर. इन मौसमी शाकाहारियों को लगता है कि जिस मियाद के लिए वो मांस नहीं खा रहें हैं तब कोई और शख्स भी नहीं खाएगा. इसी पूर्वाग्रह को लेकर हाल ही में नवरात्रि पर कई जगह, स्वघोषित धर्म...
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देश में 29 में से 2 सूचना आयोग पूरी तरह से निष्क्रिय, सतर्क नागरिक संगठन ने तैयार की रिपोर्ट
सतर्क नागरिक संगठन ने 11 अक्टूबर को जारी की प्रेस विज्ञप्ति कल (12 अक्टूबर,2022) भारत में आरटीआई अधिनियम कार्यान्वयन के 17 साल पूरे हो जाएंगे। कानून में लाखों लोगों को सूचना प्राप्त करने और सरकार को जवाबदेह ठहराने का अधिकार दिया है। आरटीआई कानून के तहत, सूचना आयोग अंतिम अपीलीय प्राधिकरण हैं। सूचना आयोग केंद्रीय स्तर (केंद्रीय सूचना आयोग–सीआईसी)और राज्यों (राज्य सूचना आयोग) में स्थापित किए गए हैं। सतर्क नागरिक संगठन ने...
More »हरियाणा सरकार ने गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत के बाद मेडेन फार्मा कंपनी के उत्पादन पर लगाई रोक
दिप्रिंट, 12 अक्टूबर हरियाणा ड्रग कंट्रोलर ने मेडेन फार्मास्युटिकल्स को कंपनी के प्लांट में निरीक्षण के बाद कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए कंपनी के उत्पादन पर रोक लगा दी है. हरियाणा सरकार का यह फैसला विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के उस दावे के बाद आया है जिसमें कहा गया है कि दवा निर्माता द्वारा बनाए जाने वाले कफ और कोल्ड सिरप की वजह से अफ्रीका के गाम्बिया में 66 बच्चों की...
More »कम किया किसानों ने कृषि रसायन का उपयोग; खपत में आई गिरावट
कृषक जगत, 11 अक्टूबर कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने वर्ष 2021-22 के लिए भारत में कृषि रसायनों की राज्यवार खपत पर नवीनतम रिपोर्ट जारी की है। भारत में वर्ष 2021-22 के लिए कृषि रसायनों की खपत 58,720.12 मीट्रिक टन बताई गई है जो पिछले वर्ष की तुलना में 5.58% कम है। पिछले 4 वर्षों के औसत की तुलना में 2021-22 में कृषि रसायनों की खपत 4.89% कम है। जिन दो राज्यों...
More »भारत के नागरिकों की खाद्य सुरक्षा- प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना और एक देश एक राशन कार्ड योजना- की पड़ताल!
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को 44,762 करोड़ रूपए की अतिरिक्त धनराशी के साथ तीन माह के लिए और बढ़ा दिया गया है. यह योजना 1 अक्टूबर, 2022 से 31 दिसम्बर, 2022 तक की अवधि तक यथावत रहेगी. यह योजना का सातवा चरण है. सातवें चरण तक योजना का कुल खर्च 3.45 लाख करोड़ रूपए से बढ़कर 3.91 लाख करोड़ रूपए हो जाएगा. कोविड महामारी के दौरान गरीब और जरूरतमंद लोगों की...
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