एक बार नोबेल पुरस्कार विजेता वीएस नायपाल बता रहे थे कि वे भारत में पहली बार 1961 में दिवाली की रात मुंबई पहुंचे। हवाई अड्डे से होटल के रास्ते में उन्हें यह देख कर निराशा हुई कि यहां ज्यादातर घरों के बाहर मोमबत्तियां सजी थीं। उनके देश त्रिनिदाद एवं टुबैगो में दिवाली पर अब भी मिट्टी के दीए जलाने की रिवाज है। नायपाल ठीक ही कह रहे थे। मोमबत्ती जला...
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महंगाई में किसका स्वार्थ है-- अश्वनी कुमार ‘शुकरात'
फिल्म ‘पीपली लाइव' का एक गीत काफी लोकप्रिय हुआ था। इस गीत के माध्यम से एक प्रमुख सामाजिक-आर्थिक समस्या महंगाई की ओर ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया गया है। गीत के बोल हैं- ‘सइयां तो बहुत कमात हैं, महंगाई डायन खाए जात है।' यानी रात-दिन काम करने के बावजूद कमाई की अपेक्षा महंगाई कई गुना अधिक बढ़ती जा रही है। इसलिए घर में जो जरूरी पदार्थ आने चाहिए, वे...
More »असंभव की सीमाएं तोड़ीं और आज बन गईं रोल माडल-- माधव शर्मा
जयपुर. गांव-देहात से निकली ये महिलाएं आज सामाजिक-आर्थिक बदलाव की कहानियां गढ़ रही हैं। मेहनत और हौसले से इन्होंने न केवल सामाजिक बंधन और रूढ़ियों को ध्वस्त किया बल्कि अपनी आर्थिक तरक्की की राह भी प्रशस्त की। आइये, आपको बदलाव के कुछ ऐसे किरदारों से मिलाते हैं जिन्होंने खुद की ही नहीं बल्कि अपने आस-पास की भी तस्वीर बदल दी। 100-200 रुपए से हुई शुरुआत आज 4-5 लाख रुपए तक...
More »अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष को राजन ने लिया आड़े हाथ
मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई के गवर्नर रघुराम राजन ने पश्चिमी देशों के प्रति नरम रवैये को लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) की खिंचाई की। उन्होंने कहा कि मुद्राकोष न सिर्फ विकसित देशों की उदार मौद्रिक नीतियों के प्रति नरम रुख रखता है, बल्कि उनकी तारीफ भी करता है। पश्चिमी देशों की आसान कर्ज की नीतियों का उभरते बाजारों में प्रतिकूल असर पड़ा है। राजन के मुताबिक, आईएमएफ जैसी बहुपक्षीय एजेंसियों...
More »घटते निर्यात से बढ़ सकती है बेरोजगारी
नई दिल्ली। पिछले 10 महीनों से देश के निर्यात में हो रहे लगातार गिरावट से सरकार के होश उड़े हुए हैं। ऐसे समय जब रोजगार बाजार में युवाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है, निर्यात में लगातार गिरावट से देश में बेरोजगारी फैलने के आसार हैं। खास तौर पर चमड़ा, इंजीनियरिंग उत्पाद, कपड़ा और रत्न व आभूषण जैसे क्षेत्रों में निर्यात घटा है, उसे देखते हुए इन क्षेत्रों में लाखों लोगों...
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