-डाउन टू अर्थ, लॉकडाउन के समय दिल्ली में प्रदूषण का स्तर 53 फीसदी तक घट गया था जबकि उसी समय मुंबई में 10 से 39 फीसद की गिरावट दर्ज की गई थी| यह जानकारी यूनिवर्सिटी ऑफ सरे द्वारा किये एक शोध में सामने आई है| जोकि अंतराष्ट्रीय जर्नल सस्टेनेबल सिटीज एंड सोसाइटी में प्रकाशित हुआ है| शोध के अनुसार यदि एशिया और यूरोप के शहरों पर नजर डालें तो दिल्ली में लगभग...
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दाने-दाने को मोहताज हुए दिल्ली के मजदूर
-डाउन टू अर्थ, लगभग डेढ़ माह पहले पूरे देश का ध्यान महानगरों से अपने घर गांव लौट रहे मजदूरों की ओर था। डाउन टू अर्थ ने तब इन मजदूरों के साथ पैदल सफर किया, लेकिन समय के साथ इन मजदूरों को फिर से भुला दिया गया है। लॉकडाउन खुल चुका है। ऐसे में जो मजदूर अपने गांव नहीं जा पाए या जो गांव में काम न मिलने पर फिर से महानगर...
More »शुभ संकेत नहीं है कोरोना के 10 लाख मामले और लॉकडाउन की वापसी
-न्यूजक्लिक, देश में कोरोना संक्रमण को लेकर लड़ाई एक कठिन दौर में पहुंच गई है। राज्य सरकारों के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार देश में कोविड-19 के मामलों की संख्या बृहस्पतिवार को दस लाख के पार चली गयी, वहीं संक्रमण से अब तक 25 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। दुनियाभर में संक्रमण के मामलों की संख्या के लिहाज से भारत का स्थान अमेरिका और ब्राजील के बाद तीसरा...
More »लॉकडाउन में सेक्स वर्कर: ‘काम नहीं, पुलिस के कारण कोई मदद भी नहीं’
-द क्विंट, देश की राजधानी दिल्ली के जीबी रोड इलाके में बड़ी तादाद में महिला सेक्स वर्कर्स रहती हैं. कोरोना वायरस और उसके बाद लगे लॉकडाउन की वजह से उन पर आफत का पहाड़ टूट पड़ा है. जीबी रोड के इलाके में करीब 3000 सेक्स वर्कर्स रहती हैं. इनके पास रोजगार की समस्या खड़ी हो गई है. क्विंट ने इनमें से कुछ सेक्स वर्कर्स से बात की और उनका हाल-चाल जाना. सुधा...
More »'कमाई नहीं हो रही, लेकिन हम शहनाई बजाना तो नहीं छोड़ सकते'
-गांव कनेक्शन, एक समय था जब बिना शहनाई के शादी नहीं होती थी, धीरे-धीरे शहनाई का चलन कम हुआ और पिछले कुछ तीन-चार महीनों में तो शहनाई बजाने वालों के पास कोई काम ही नहीं बचा। ऐसे ही एक शहनाई वादक पुराने लखनऊ के मोहम्मद खान भी हैं, जिनके पास अब कोई काम ही बचा है। मोहम्मद खान अपनी परेशानियों को बयां करते हुए कहते हैं, "हम लोग इस लॉकडाउन में...
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