वर्ष 1992 में रियो पृथ्वी सम्मेलन के साथ ही जलवायु परिवर्तन पर चर्चा के दौरान ग्रीनहाउस गैसों के प्रति व्यक्ति उत्सर्जन को सूचकांक के तौर पर आम स्वीकृति मिल गई थी। चूंकि अमेरिका में प्रति व्यक्ति उत्सर्जन भारत के मुकाबले 10 गुना अधिक है, इसलिए जब सुधारात्मक कार्रवाई की बात आती है तो उसकी जवाबदेही भारत से अधिक है। यह तथ्य 1997 में क्योटो समझौते का आधार बना, जिसके तहत बड़े...
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हाजिर हैं मॉड्यूलर कारीगर
कानपुर [अर्थ प्रतिनिधि]। अब तक मॉड्यूलर किचन और मॉड्यूलर ऑफिस ही होते थे, जिन्हें जगह, उपयोगिता और सौंदर्यबोध के हिसाब से जैसे चाहा सजा लिया. अब उद्योग जगत की जरूरत के हिसाब से उपयुक्त दक्षता वाले मॉड्यूलर कारीगर भी तैयार किये जा रहे हैं। केंद्र सरकार इसके लिए उद्यमियों की कमेटी को स्थानीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान [आईटीआई] में पाठ्यक्रम बदलाव और अन्य सुधार की जिम्मेदारी सौंप रही है। अब तक...
More »ठेका श्रमिकों की हड़ताल से मेजिया की तीसरी यूनिट भी बंद
वर्द्धमान, आसनसोल, कास। शिल्पांचल पिछले दो दिनों से लोडशेडिंग से परेशान है। डीवीसी का उत्पादन दूसरे दिन भी सामान्य से काफी कम होने के कारण बार-बार लोडशेडिंग हो रही है। हालांकि डीवीसी का कुल उत्पादन बुधवार की तुलना में बढ़ा है लेकिन मेजिया का उत्पादन आज और घट गया है। डीवीसी की मुख्य उत्पादक इकाई मेजिया थर्मल में ठेका श्रमिकों द्वारा वेतन वृद्धि समेत कई मांगों को लेकर बुधवार से...
More »एक नदी कुछ कहती है, रोते-रोते बहती है
वाराणसी [स्टाफ रिपोर्टर]। मैं वरुणा हूं। संगम नगरी के मैलहन झील से निकलकर काशी में गंगा में समाहित हो जाती हूं। इस लंबे सफर में अनगिनत घात-प्रतिघात सहन कर रही हूं। मैं अपना सर्वस्व मानव जाति के लिए अर्पित कर रही हूं। उसके बाद भी मेरे अस्तित्व को समाप्त करने की कोशिश हो रही। मुझे नहीं पता मेरा क्या अपराध है? मैंने तो अपने पानी के दोहन के लिए न...
More »पैडल जनरेटर से सौ घर होंगे रोशन
पुणे. बिजली की कमी के कारण अंधेरे में रहने को मजबूर देश के सैकड़ों गांवों के लिए रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल विवेक मुंडकुर उम्मीद की नई किरण लेकर आए हैं। उन्होंने पैडल से चलने वाला एक ऐसा जनरेटर तैयार किया है, जो गांव के सौ घरों को रोशन कर सकता है। महज 10 हजार रुपए की लागत से बना यह जनरेटर छोटे शहरों, कस्बों और गांवों के लिए काफी उपयोगी है।...
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