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दलितों को पंचायती जमीन से खदेड़ा : बलविंदर कुमार

जालंधर। हलका जालंधर कैंट में पड़ते गांव रहमानपुर में पंचायती जमीन से खदेड़े गए दलित परिवारों का जीवन मुश्किल हो गया है। रहमानपुर गांव के दो दर्जन से ज्यादा दलित परिवार पिछले 20 वर्षो से गांव की पंचायती जमीन पर पशु बांधते आ रहे थे। जिन्हें जिला विकास व पंचायत विभाग के अधिकारियों ने डीसी की अनुमति से वहां से खदेड़ दिया। विभाग डिच लेकर पहुंचा था और इस कार्रवाई में पंचायती...

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माया का नहले पर दहला: उत्तर प्रदेश में नई भूमि अधिग्रहण नीति लागू

लखनऊ। भूमि अधिग्रहण और मुआवजे पर किसान आंदोलनों से चौतरफा घिरी उत्तरप्रदेश सरकार ने गुरुवार को किसान पंचायत के साथ ही नई अधिग्रहण नीति की घोषणा की। यह नीति तत्काल लागू भी कर दी गई है। नई नीति के अनुसार डेवलपर्स को परियोजना के लिए चिह्नित भूमि से जुड़े कम से कम 70 प्रतिशत किसानों को सहमत करना होगा।   इसके बाद आपसी सहमति के आधार पर पैकेज तैयार कर किसानों से सीधे...

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मायावती का 'किसान कार्ड', महापंचायत में मिलेंगी किसानों से

लखनऊ। भट्टा भरसौल की घटना के बाद गर्मायी उत्तर प्रदेश की किसान राजनीति के खतरे को मख्यमंत्री मायावती ने भांप लिया है। भूमि अधिग्रहण पर किसानों के आक्रोश को ठंडा करने के लिए मु यमंत्री मायावती ने किसानों से सीधे बातचीत का फैसला किया है। चार साल के शासन में यह पहला मौका है जब मायावती ने किसी भी प्रतिनिधि मंडल को बातचीत के लिए बुलाया है।राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि...

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ग्रेनो: हाईकोर्ट ने किया जमीन अधिग्रहण रद्द, चंदौली में किसानों ने सजाईं चिताएं- विजय उपाध्याय

लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महीने में लगातार अपने तीसरे आदेश में ग्रेटर नोएडा में तत्काल महत्व की औद्योगिक जरूरतों के नाम पर 170 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण रद्द कर दिया है। इस बार दादरी तहसील के गुलिस्तापुर के 550 किसानों को राहत मिली है। सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सुनील अंबवानी व न्यायमूर्ति केएन पांडेय की खंडपीठ ने 58 याचिकाओं पर सुनवाई के बाद 2007-08 में ग्रेटर नोएडा के...

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अकाल, भुखमरी इस देश में कई समुदायों की जीवनसाथी है- विनायक सेन से आशीष कुमार अंशु की बातचीत

विनायक सेन को लेकर मीडिया और समाज में दो तरह की छवि है। एक विनायक सेन, जिन्हें हमेशा देश के दुश्मन के तौर पर पेश किया जाता है, दूसरे विनायक सेन वे जो आदिवासियों के शुभचिंतक हैं और गरीब समाज के मसीहा हैं। दोनों विचार अतिवादी हैं। इस तरह एक आम भारतीय असमंजस की स्थिति में है कि वह इन दोनों में से किसे सच माने और किसे झूठ! यदि हम मीडिया की नजर...

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