मुंबई। भारत सरकार ने गर्भपात कराने की समय सीमा मौजूदा 20 हफ्तों से बढ़ाकर 24 हफ्ते करने का प्रस्ताव दिया है। मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (संशोधन) बिल, 2014 के मसौदे को स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर 29 अक्टूबर को पेश किया गया। इस बिल के मसौदे में कहा गया है कि यदि गर्भवती महिला के जीवन को कोई खतरा हो, यदि उसके शारीरिक या मानसिक स्वास्थ्य को कोई खतरा हो या...
More »SEARCH RESULT
बच्चों की पहली भाषा होगी मातृभाषा
आसनसोल: स्कूलों में नामांकन के समय बच्चों से उनकी मातृभाषा की जानकारी ली जायेगी. बच्चे किस मातृभाषा से जुड़े हैं, इसकी जानकारी नामांकन के समय नामांकन फार्म के माध्यम से ली जायेगी. स्कूल में नामांकन के समय किसी भी बच्चे की पहली भाषा उसकी मातृभाषा होगी. दूसरी भाषा हिंदी और तीसरी भाषा के रूप में इंगलिश लिया जायेगा. सीबीएसइ ने यह निर्णय कमीशन फॉर लिंग्विस्टिक माइनॉरिटी (सीएलएम) की 50वीं रिपोर्ट के...
More »एफिडेविट बनाने में हर वर्ष खर्च होते हैं 8000 करोड़ रुपए
नई दिल्ली। यह देखते हुए कि हम भारतीय हर वर्ष करीब आठ हजार करोड़ रुपए शपथ-पत्र बनवाने पर खर्च कर देते हैं, केंद्र सरकार ने सभी मंत्रालयों और राज्य सरकारों को सरकारी कामों के लिए दस्तावेजों के स्व-प्रमाणन (सेल्फ अटेस्टेशन) को बढ़ावा देने को कहा है। कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने केंद्र सरकार के मंत्रालयों से वर्तमान में आवश्यक शपथ-पत्रों और विभिन्न आवेदनों के साथ लगने वाले दस्तावेजों के राजपत्रित अधिकारी...
More »विकास के कई मानकों में दुनिया से बहुत पीछे हैं हम
नितिन प्रधान, नई दिल्ली। आर्थिक विकास की ऊंची दर को लेकर भले ही हमारी उम्मीदें बहुत अधिक हों, लेकिन सामाजिक-आर्थिक विकास के मानकों में आज भी भारत की स्थिति बेहद खराब है। खासतौर पर पुरुषों के मुकाबले कामकाजी महिलाओं के अनुपात के मामले में हम दुनिया के कई छोटे देशों से भी पीछे हैं। लोगों को उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में तो भारत की स्थिति बेहद दयनीय है। वर्ल्ड इकोनॉमिक...
More »गांधी, गांव और इश्तहार- चंदन श्रीवास्तव
बड़ा फर्क है गांधी और आंबेडकर की सोच में बसे गांव के बीच. गांधी के गांव में हिंसा है ही नहीं. गांधी की कल्पना में बसते गांव में भूमिहीन और भूस्वामी बिना झगड़े के रहते हैं. गांधी से किसी ने पूछा- बताइए, गांव के भूमिहीन और भूस्वामियों के बीच कैसे बराबरी स्थापित होगी? उनका जवाब था- भूस्वामी स्वयं ही अपनी भूमि पर दावा छोड़ भूमिहीनों की मदद के लिए आगे...
More »