बांदा। उनके बच्चे भी खेलते हैं मगर जहरीले सांप और बिच्छुओं के साथ। स्कूल का मुंह देखना अभिशाप है लेकिन पांच साल के बच्चों को 'सांप की पिटारी' व 'बीन' थमा दी जाती है। बाल विवाह की प्रथा है और सांप नचाने व बीन बजाने की कला का प्रदर्शन ही शादी की शर्त है। हम बात कर रहे है सपेरा समाज की। उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद और कौशांबी से...
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फिर गरमाया गुर्जर आरक्षण मामला
जयपुर, जागरण संवाद केंद्र : पिछले डेढ़ साल में एक सौ से अधिक लोगों की जान लेने वाले गुर्जर आरक्षण आंदोलन की लपटें एक बार फिर उठने लगी हैं। आरक्षण की मांग कर रहे गुर्जर समाज ने सरकार को साफ -साफ चेतावनी दे दी है कि 26 मार्च से धार्मिक नगरी पुष्कर में अनिश्चितकालीन महापड़ाव शुरू किया जाएगा। इसके बाद भी अगर उन्हें आरक्षण नहीं मिलता है तो फिर आंदोलन पहले की तरह हिंसक होगा।...
More »पुरखों की जमीन दी, बदले में क्या मिला.. !!
राउरकेला स्टील प्लांट की स्थापना के लिए पंडित जवाहर लाल नेहरू और जयपाल सिंह मुण्डा आए थे और गांव वालों को समझा बुझा कर विकास के नाम पर जमीन ले लिया था. आज पचास सालों के बाद विस्थापितों के हालात भिखमंगों की तरह हो गई है. उन्ही विस्थापितों में से एक हैं लुसिया तिर्की जो मंदिरा डैम से उजाड़ दी गई. उनका कहना है कि जमीन का कागज अभी तक...
More »सरकारी कागजों में स्लम का अकाल
अगर कोई पूछे कि मुंबई महानगर में झोपड़ बस्तियों को हटाने की दिशा में जो काम हो रहा है, उसका क्या असर पड़ा है तो इस सवाल का एक जवाब ये भी हो सकता है- आने वाले दिनों में झोपड़ बस्तियों की संख्या बढ़ सकती है. मुंबई महानगर का कानून है कि जो बस्ती लोगों के रहने लायक नहीं है, उसे स्लम घोषित किया जाए और वहां बस्ती सुधार की योजनाओं...
More »महिला आरक्षण : चुनौतियों भरा रहा 14 साल का सफर
नई दिल्ली. महिला आरक्षण विधेयक को 14 साल लंबे सफर में कई बाधाएं, कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। इसे लेकर कई बार सदन में हंगामा हुआ, प्रतियां फाड़ी गईं, बदसलूकी की गई और सदन के बाहर सरकार गिराने की धमकियां दी गईं। आइए जानते हैं कि 9 मार्च को राज्यसभा में पारित होने से पहले विधेयक को लेकर क्या-क्या प्रमुख घटनाएं घटीं। 12 सितंबर 1996 : इस ऐतिहासिक विधेयक को लोकसभा में सबसे पहले देवेगौड़ा...
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