नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। बुंदेलखंड के लिए सूखा राहत पैकेज मंजूर करने के बाद भी इस क्षेत्र को लेकर केंद्र की चिंता कम नहीं हो रही है। सरकार की सारी उम्मीदें इस पैकेज के अमल पर टिकी हैं। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सरकारें इस पैकेज के अमल को लेकर क्या रणनीति अपनाती हैं, सरकार इस बात को लेकर अभी भी चिंतित है। सूत्रों के मुताबिक योजना आयोग ने मध्य...
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अमीर देशों के समूह में भारत भी होगा शामिल!
नई दिल्ली। आज जब दुनिया के तमाम अमीर देश आर्थिक संकट से उबरने के रास्ते तलाश रहे हैं, उस वक्त भारत की आर्थिक विकास दर जोरदार रफ्तार पकड़े हुए है। वित्त वर्ष 2009-10 की अंतिम तिमाही में जीडीपी में 8.6 प्रतिशत की वृद्धि इसका साफ सबूत है। इस विकास दर ने दुनिया के तमाम मुल्कों को चौंका दिया है। यही वजह है कि अब कृषि प्रधान मुल्क को गांठने के लिए इन अमीर देशों...
More »बुनकर ऋण माफी योजना में अवरोध बना बैंक
भागलपुर। सरकार की बुनकर ऋण माफी योजना में बैंक अवरोध बना हुआ है। सरकार हाथ खोलकर बुनकरों को सहायता देने के लिए तैयार है लेकिन बैंकों के असहयोगात्मक व्यवहार के कारण बुनकर परेशान हैं और सरकार की योजना सफल नहीं हो पा रही है। सरकार की मंशा है कि कर्जदार बुनकरों के नाम पर जो भी राशि है उसे चुनाव के पूर्व तक चुकता कर दिया जाए। बैंकों से ऋण लिये हुए बुनकरों की सूची...
More »मातृत्व पर गहराता संकट
नई दिल्ली [अरविंद जयतिलक]। बेशक देश में महिलाएं सफलता का इतिहास रच रही हैं। अपने बुलंद हौसले से उन कार्यो को भी अंजाम तक पहुंचा रही हैं, जो सदियों से उनके लिए असंभव बताया जाता रहा है। बात चाहे देश में सरकार को नेतृत्व देने का हो अथवा सेवा क्षेत्र में मिसाल कायम करने की, आज वह हर कहीं पुरुषों से कंधा मिला रही हैं, लेकिन इन सबके बावजूद दुखद स्थिति यह है कि बुनियादी स्वास्थ्य...
More »किसान मरे नहीं तो क्या करे--- देविंदर शर्मा
भारत में किसानों की आत्महत्या को लेकर छिड़ी बहस के बीच अमरीका में किसानों को अनुदान दिए जाने के बारे में एक दिलचस्प रिपोर्ट आई. 1997 से 2008 के बीच भारत में करीब दो लाख किसानों ने बढ़ते कर्ज के कारण होने वाले अपमान से बचने के लिए अपनी जान देने का आत्मघाती कदम उठाया. इन किसानों को सरकार से किसी प्रकार की सीधी सहायता नहीं मिली थी. अमरीका ने 1995...
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